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Tuesday, July 15, 2025
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शुभांशु शुक्ला के पिताजी Axiom-4 टीम व बेटे की आज पृथ्वी पर सकुशल वापसी की कर रहे प्रार्थना

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अंतरिक्ष में 18 दिन बिताने के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके एक्सिओम-4 (Axiom-4) मिशन के तीन साथी आज पृथ्वी पर लौट रहे हैं। उनके पिता उनकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके दल की सुरक्षित घर वापसी के लिए उनके पिता प्रार्थना कर रहे हैं। शुभांशु शुक्ला के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा कि वे अपने बेटे और उनकी टीम की सुरक्षित लैंडिंग के लिए प्रार्थना कर रहे हैं, और उन्हें “बहुत खुशी” है कि अनडॉकिंग (अंतरिक्ष यान का अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से अलग होना) सुरक्षित रूप से हो गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें “ईश्वर पर पूरा भरोसा है” कि लैंडिंग भी सुचारू रूप से हो।

शुभांशु शुक्ला के परिवार ने सावन के पहले सोमवार को शिव मंदिर में रुद्राभिषेक भी किया, और वे शुभांशु और उनकी टीम के सुरक्षित वापस आने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। उनके पिता ने कहा कि वे बहुत खुश हैं और गर्व महसूस कर रहे हैं कि शुभांशु ने अपना मिशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से विदाई

कल, इन चारों अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) को स्पेसएक्स ड्रैगन (SpaceX Dragon) यान में छोड़ दिया था। यह यात्रा करीब 22 घंटे की है। उम्मीद है कि आज दोपहर 3 बजे भारतीय समयानुसार यह यान अमेरिका के कैलिफोर्निया तट के पास समुद्र में उतरेगा।

शुभांशु शुक्ला का ऐतिहासिक अंतरिक्ष सफर

आकाशवाणी संवाददाता ने बताया कि एक्सिओम-4 मिशन की अंतरिक्ष यात्रा 25 जून को शुरू हुई थी। फ्लोरिडा से फाल्कन-9 (Falcon-9) रॉकेट ने ड्रैगन अंतरिक्ष कैप्सूल को लेकर ISS के लिए उड़ान भरी थी। ग्रुप कैप्टन शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। उनसे पहले 1984 में राकेश शर्मा एक रूसी सोयुज यान से अंतरिक्ष में गए थे, यानी शुक्ला जी 41 साल बाद अंतरिक्ष में गए हैं।

भारत के लिए महत्वपूर्ण प्रयोग

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहते हुए शुभांशु शुक्ला ने भारत के लिए सात खास माइक्रो-ग्रेविटी (कम गुरुत्वाकर्षण) प्रयोग किए। ये प्रयोग दिखाते हैं कि भारत अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक में कितनी तरक्की कर रहा है। इन प्रयोगों से भविष्य के ग्रहों के मिशनों और लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के लिए बहुत महत्वपूर्ण डेटा मिलेगा।

‘आकाश गंगा’ मिशन: भारत के अंतरिक्ष सपनों को नई उड़ान

रविवार को नासा (NASA) के एक्सपीडिशन क्रू (Expedition Crew) ने एक्सिओम-4 दल के लिए एक पारंपरिक विदाई समारोह का आयोजन किया। इस मौके पर शुभांशु शुक्ला ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा को “अविश्वसनीय” बताया।

यह मिशन, जिसे ‘आकाश गंगा’ नाम दिया गया है, एक्सिओम स्पेस (Axiom Space), नासा (NASA) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का एक साझा प्रयास है।

Shubhanshu Shukla’s Father Prays for the Safe Return of Axiom-4 Team and Son to Earth Today.

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