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साहित्यिक मंच पर ऐतिहासिक लम्हा, दिल्ली में एक मंच पर लोकार्पित होंगी मोतिहारी के रत्नेश्वर की चार पुस्तकें

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निखिल विजय कुमार सिंह की रिपोर्ट |12 मई, 2025


दिल्ली में जुटेंगे देशभर के साहित्यकार, बुद्धिजीवी व अधिकारिगण

तारीख : 17 मई | स्थान : कन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली |

मोतिहारी के प्रसिद्ध साहित्यकार प्रसाद रत्नेश्वर की साहित्यिक उपलब्धियों का उत्सव अब राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाएगा। आगामी 17 मई को दिल्ली के कन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में देशभर के नामचीन साहित्यकार, कवि, पत्रकार, रंगकर्मी, राजनेता और प्रशासनिक अधिकारी एकत्र होंगे। अवसर होगा उनकी चार पुस्तकों के एक साथ लोकार्पण समारोह का।


बिहार महोत्सव समिति कर रही है आयोजन

इस भव्य आयोजन की जिम्मेदारी ली है बिहार महोत्सव समिति, जो दिल्ली में बिहार के प्रवासियों की प्रमुख सांस्कृतिक संस्था मानी जाती है। समिति हर वर्ष बिहार महोत्सव जैसे आयोजन कर राज्य की कला और साहित्य को बढ़ावा देती है।

संस्था के अध्यक्ष मोहन कुमार गुप्ता और जनसंपर्क अधिकारी राकेश कुमार वर्मा ने बताया-

“आयोजन के लिए एक विशेष कोर कमिटी बनायी गयी है, और कार्यक्रम संयोजक के रूप में इ. राकेश कुमार को जिम्मेदारी दी गयी है, जो इस समय राष्ट्रपति भवन में कार्यरत हैं।”


चार प्रमुख रचनाओं का होगा लोकार्पण

इ. राकेश कुमार ने जानकारी दी कि रत्नेश्वर जी की अब तक पांच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें से चार का इस बार लोकार्पण किया जाएगा। ये पुस्तकें हैं:

  • ‘बेचिरागी’ – हिंदी कविता संग्रह
  • ‘लड़कियों के कपड़े’ – हिंदी ग़ज़ल संग्रह
  • ‘निलही कोठी’ – पाँच मंचीय नाटकों का संग्रह
  • ‘थारु: विश्व की एक नई सभ्यता’ – एक महत्वपूर्ण शोध-पत्र संग्रह

इन पुस्तकों को नवारम्भ प्रकाशन (मधुबनी, पटना, दिल्ली) द्वारा प्रकाशित किया गया है।


65वें वर्ष में ऐतिहासिक उपलब्धि

समारोह के संयोजक ने इसे लेखक के जीवन की एक बड़ी साहित्यिक उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि 65 वर्ष की उम्र में एक साथ चार पुस्तकों का प्रकाशन और लोकार्पण साहित्यिक क्षेत्र में एक प्रेरणादायक घटना है।


आमंत्रित होंगे साहित्य एवं समाज के विशिष्ट जन

इस विशेष अवसर पर देशभर के विशिष्ट साहित्यकारों और समाजसेवियों को आमंत्रित किया गया है, ताकि वे इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बन सकें और साहित्य जगत में प्रसाद रत्नेश्वर की रचनाओं का औपचारिक स्वागत कर सकें।


Motihari | A Grand Literary Celebration: Four Books by Prasad Ratneshwar to Be Launched Together in Delhi

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