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Monday, October 13, 2025
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मानवाधिकार संस्था की पहल : टूटता परिवार फिर जुड़ा, पति-पत्नी में हुआ सुलह

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Patna से जितेन्द्र कुमार सिन्हा|

मानवाधिकार डिफेंडर ने संवाद और सूझबूझ से बचाई एक शादी-

मानवाधिकारों की सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव के लिए समर्पित संस्था “ह्यूमन राइट्स डिफेंडर” ने एक संवेदनशील और सफल प्रयास के माध्यम से एक टूटते परिवार को फिर से एकजुट किया है। संस्था ने पति-पत्नी के बीच चल रहे गंभीर विवाद को आपसी समझ और बातचीत से सुलझाकर, उन्हें वैवाहिक जीवन की नई शुरुआत करने का अवसर प्रदान किया है।

पीड़िता ने लगाया था मारपीट और घर से निकालने का गंभीर आरोप-

अशोकनगर रोड नं. 14/बी की पिंकी कुमारी ने 7 अक्तूबर 2025 को “ह्यूमन राइट्स डिफेंडर” के कार्यालय में अपने पति विकाश कुमार चंद्रवंशी, सास-ससुर और देवर के खिलाफ मारपीट और घर से निकाले जाने की शिकायत दर्ज कराई थी।

तत्काल बनी जाँच और सुलह टीम-

आवेदन की गंभीरता को समझते हुए, संस्था की संस्थापिका सह राष्ट्रीय महासचिव पूजा सिन्हा ने तुरंत एक विशेष जाँच और सुलह टीम का गठन किया। इस टीम में राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिन्हा, उपसंस्थापिका आशा देवी, निगरानी प्रमुख सरिता देवी, उपसचिव किरण, वार्ड अध्यक्ष रागनी कुमारी, और सक्रिय सदस्य पिंकी कुमारी तथा मनोज कुमार शामिल थे।

संवाद से हुआ विवाद का समाधान-

गठित टीम ने पिंकी कुमारी के साथ उनके ससुराल, भोगपुर जाकर दोनों पक्षों से बातचीत की। संस्थापिका पूजा सिन्हा ने दोनों परिवारों को समझाया कि रिश्ते में हिंसा या कड़वाहट की कोई जगह नहीं है, बल्कि संवाद, सहनशीलता और आपसी सम्मान ही सफल वैवाहिक जीवन का आधार है। संस्था के संतुलित मार्गदर्शन से प्रभावित होकर दोनों पक्ष आपसी सहमति से मामले को सुलझाने पर सहमत हुए।

कार्यालय में हुआ लिखित समझौता-

इसके बाद दोनों परिवारों को “ह्यूमन राइट्स डिफेंडर” के कार्यालय में बुलाया गया, जहाँ संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिन्हा और उप महासचिव किरण की उपस्थिति में एक लिखित समझौता हुआ। समझौते में दोनों पक्षों ने भविष्य में किसी भी तरह की मारपीट या अमानवीय व्यवहार न करने तथा आपसी सहयोग, प्रेम और सम्मान के साथ रहने की सहमति दी। साथ ही यह भी तय हुआ कि समझौता तोड़ने पर कानूनी कार्रवाई के लिए संबंधित पक्ष ज़िम्मेदार होगा।

संस्था का लक्ष्य: परिवारों को जोड़ना और समाज को शांति देना-

संस्थापिका पूजा सिन्हा ने कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य केवल शिकायतें निपटाना नहीं है, बल्कि परिवारों को जोड़कर समाज की इकाई को मजबूत करना और शांति व समानता का माहौल बनाना है। पिंकी कुमारी और उनके पति विकाश कुमार ने भी संस्था के प्रति आभार व्यक्त करते हुए सम्मान और स्नेह के साथ अपनी नई जिंदगी शुरू करने का वचन दिया।

“ह्यूमन राइट्स डिफेंडर” के इस प्रयास ने सिद्ध किया है कि सकारात्मक नीयत और मानवीय उद्देश्य से जटिल से जटिल विवादों को भी सफलतापूर्वक सुलझाया जा सकता है।

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