नई दिल्ली, 26 सितंबर।
गृह मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों और नामसाई जिले के कुछ हिस्सों में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम** (AFSPA) की अवधि छह महीने के लिए बढ़ा दी है। यह विस्तार 1 अक्टूबर से लागू होगा। मंत्रालय ने एक अधिसूचना में स्पष्ट किया कि अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों के साथ-साथ नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को अशांत क्षेत्र घोषित किया गया है।
यह निर्णय सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए लिया गया है, क्योंकि इन क्षेत्रों में उग्रवादी गतिविधियों की संभावना बनी रहती है। इससे पहले भी इन जिलों में AFSPA लागू था, जो सशस्त्र बलों को विशेष अधिकार देता है, जिसमें बिना वारंट के तलाशी और गिरफ्तारी जैसी शक्तियां शामिल हैं।
नागालैंड में भी AFSPA का विस्तार:
गृह मंत्रालय ने नागालैंड के आठ जिलों और पांच अन्य जिलों के कुछ हिस्सों में भी AFSPA की अवधि को छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। इन जिलों में दीमापुर, न्यूलैंड, चूमुकेदिमा, मोन, किफिरे, नोकलाक, फेक और पेरेन शामिल हैं। इसके अलावा, पांच अन्य जिलों के कुछ हिस्सों को भी अशांत क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है।
पुरानी पृष्ठभूमि:
अफस्पा का पहली बार उत्तर-पूर्वी राज्यों में लागू किया गया था, जब इन क्षेत्रों में उग्रवाद और अशांति का माहौल था। सरकार इसे तब लागू करती है जब किसी क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति गंभीर हो जाती है। कई मानवाधिकार संगठनों ने इस कानून की आलोचना भी की है, क्योंकि यह कानून सुरक्षा बलों को अत्यधिक अधिकार प्रदान करता है, जिसमें मानवीय अधिकारों के उल्लंघन की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, सरकार का कहना है कि AFSPA का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना और उग्रवादियों पर नकेल कसना है।