SHABD,समस्तीपुर, July 28
समस्तीपुर जिले के राजनगर प्रखंड के मंगरौनी गांव स्थित प्राचीन एकादश रुद्र मंदिर में सावन की तीसरी सोमवारी को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। दूर-दराज से आए भक्तों ने बाबा भोलेनाथ को जल अर्पित कर विशेष पूजा-अर्चना की।
हर वर्ष की तरह इस बार भी सावन के पवित्र महीने में मंदिर में श्रद्धालुओं की उपस्थिति देखने लायक रही। भक्तों का मानना है कि सोमवारी के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाना विशेष फलदायी होता है।
1953 में हुई थी मंदिर की स्थापना, तांत्रिक विधि से स्थापित हैं एकादश शिवलिंग-
मंदिर की स्थापना 1953 में तांत्रिक मुनिश्वर झा द्वारा की गई थी। मंदिर में महादेव के एकादश स्वरूप एक ही शक्ति वेदी पर तांत्रिक विधि से स्थापित किए गए हैं। ये सभी ढाई सौ वर्ष पुराने काले ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित हैं।
इन शिवलिंगों पर अर्धनारीश्वर और भगवान गणेश की आकृतियाँ उभरी हुई हैं, जो इस मंदिर को अद्वितीय और आध्यात्मिक रूप से अत्यंत समृद्ध बनाती हैं।
श्रद्धालुओं ने बताया— शिव की महिमा अपरंपार-
मंदिर में दर्शन के लिए आए एक श्रद्धालु ने कहा:
“शिव की महिमा अपरंपार है। सावन में सोमवारी को जल चढ़ाने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। हर वर्ष हम यहां आकर बाबा का दर्शन और जलाभिषेक करते हैं।”
दूसरे श्रद्धालु ने कहा:
“मंगरौनी का यह मंदिर अत्यंत चमत्कारी और आस्था का केंद्र है। यहां आकर एक विशेष ऊर्जा की अनुभूति होती है।”
Samastipur| Crowd of Devotees at Ekadash Rudra Mandir, Rajnagar on Sawan’s Third Monday
On the third Monday (Somwari) of the Sawan month, a huge influx of devotees gathered at the ancient Ekadash Rudra Mahadev Mandir, located in Mangrauni village,