जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 26 अक्तूबर ::
लोक आस्था और श्रद्धा का प्रतीक छठ महापर्व हर वर्ष पूरे हर्षोल्लास और भक्ति के वातावरण में मनाया जाता है। सूर्योपासना और मातृशक्ति के इस पर्व का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व अपार है। इसी कड़ी में इस वर्ष भी “राम जानकी प्रगति सेवा संस्थान” ने सामाजिक उत्तरदायित्व का परिचय देते हुए 251 छठव्रतियों के बीच पूजन सामग्री का वितरण किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सूर्य देव की आराधना और “जय छठी मइया” के जयघोष के साथ हुआ। परिसर श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत था। बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिलाएं उपस्थित थीं जिन्होंने पूरे उत्साह और उल्लास के साथ इस आयोजन में भाग लिया।
संस्थान की सचिव अर्पणा बाला ने बताया कि छठ पर्व न केवल धार्मिक अनुष्ठान है बल्कि यह भारतीय संस्कृति में शुद्धता, संयम और सामूहिकता का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष की तरह इस बार भी संस्थान का उद्देश्य यही रहा है कि जरूरतमंद परिवारों को पूजा की संपूर्ण सामग्री उपलब्ध कराई जाए ताकि वे भी श्रद्धापूर्वक छठ व्रत संपन्न कर सकें।
इस अवसर पर संस्थान की ओर से 251 छठव्रतियों को नारियल, डाला, नींबू, केला, अनानास, गन्ना, सेब, संतरा, सिंदूर, अल्ता, अगरबत्ती सहित पूजन की सभी आवश्यक सामग्री प्रदान की गई। वितरण कार्यक्रम अत्यंत श्रद्धा, उत्साह और सौहार्द के वातावरण में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में संस्थान की कोषाध्यक्ष जनक नंदनी सिन्हा, सदस्य शाकंभरी, अंशुमाली, शिवम जी सहाय, सुंदरम सहित अनेक स्थानीय सहयोगी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर इस आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई।
अर्पणा बाला ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि “ऐसे आयोजन न केवल समाज में भाईचारा बढ़ाता हैं, बल्कि सांस्कृतिक मूल्यों और परंपराओं के प्रति नई पीढ़ी में जागरूकता भी लाता है। हमें गर्व है कि हमारा संस्थान समाज सेवा की इस परंपरा को आगे बढ़ा रहा है।”
कार्यक्रम के समापन पर संस्थान के सदस्यों ने आगे भी समाज के हित में ऐसे कार्य निरंतर करने का संकल्प लिया। सभी ने उपस्थित व्रतियों और श्रद्धालुओं को छठ महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
छठ पर्व की यह सामाजिक पहल इस बात का उदाहरण है कि भारतीय संस्कृति में आस्था और सेवा एक-दूसरे के पूरक हैं। जब समाज के लोग मिलकर जरूरतमंदों की सहायता करते हैं, तो त्योहार का वास्तविक संदेश “सामूहिकता और समर्पण” साकार होता है।
राम जानकी प्रगति सेवा संस्थान का यह प्रयास न केवल लोक आस्था को सशक्त बनाता है, बल्कि समाज में सहयोग और संवेदना की भावना को भी मजबूत करता है। इस प्रकार छठ पूजा के पावन अवसर पर यह आयोजन भारतीय संस्कृति की उस जीवंत परंपरा को रेखांकित करता है, जिसमें “सेवा ही सबसे बड़ी साधना” मानी जाती है।
Patna | Ram-Janaki Pragati Seva Sansthan distributed worship materials among Chhath devotees.












