पटना से स्थानीय संपादक जितेन्द्र कुमार सिन्हा।
एक ऐसा भी कायस्थ परिवार है जो दशकों से एक-दो दिन नहीं बल्कि पूरे आठ दिनो तक लक्ष्मी पूजनोत्सव आयोजित करता आ रहा है।
जी हाँ, आपने सही सुना। बिहार प्रदेश के नालन्दा जिला अन्तर्गत चंडी प्रखंड के नरसंडा ग्राम मे एक कायस्थ परिवार द्वारा दशको से आयोजित किया जाता रहा है आठ दिवसीय लक्ष्मी पूजनोत्सव।
जिसका प्रारम्भ दीपावली के दिन होता है और समापन महापर्व छठ के पारण के दिन किया जाता है।
आठ दिवसीय लक्ष्मी पूजनोत्सव का आयोजन इस कायस्थ परिवार द्वारा अपने पारिवारिक भूखंड पर पारिवारिक व्यय से निर्मित पारिवारिक मंदिर मे दशकों से की जाती रही।
लक्ष्मी पूजनोत्सव के लिए मंदिर परिसर में ही कारीगरों से देवी-देवताओं की मूर्तियां बनवाई जाती है और उनका साज- सज्जा कराई जाती है, पूरे मंदिर परिसर में रोशनी की व्यवस्था कराई जाती है, ढ़ोल-नगाड़ा बजवाया जाता है, पुरोहित द्वारा पूरे विधि-विधान से प्रतिदिन पूजा कराई जाती है, हलवाई से प्रसाद बनवाकर प्रतिदिन वितरित किया जाता है।
आठ दिवसीय लक्ष्मी पूजनोत्सव का समापन महापर्व छठ के पारण के दिन देवी-देवताओं की मूर्तियां पूरे गाँव में घुमवाकर मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। आठ दिवसीय लक्ष्मी पूजनोत्सव के समापन के अवसर पर
भंडारा का भी आयोजन किया जाता है।प्रतिवर्ष आयोजित किये जाने वाले इस आठ दिवसीय लक्ष्मी पूजनोत्सव के सारे व्यय का वहन इस कायस्थ परिवार द्वारा ही किया जाता रहा है।
पीढ़ियों से चली आ रही इस परम्परा का पूरे श्रद्धा और मनोयोग से वर्तमान पीढ़ी की जनकनन्दनी सिन्हा और उनकी सुपुत्री अर्पणा बाला तथा अर्पणा बाला की सुपुत्री शाकम्भरी और सुपुत्र अंशुमाली, शिवम् जी सहाय और सुन्दरम् द्वारा किया जाता रहा है।
अर्पणा बाला “राम जानकी प्रगति सेवा संस्थान” एवं “सम्भव” की संस्थापिका- सह-सचिव और “हरक्यूलियन अर्थ वेव प्राइवेट लिमिटेड” की संस्थापिका -सह- प्रबन्ध निदेशिका हैं और अपनी सारी व्यस्तताओं के बीच समय निकाल कर सपरिवार इसका आयोजन करता आ रहा है।
In which district of Bihar is the eight-day Lakshmi Puja held, and which family has been carrying out this responsibility for years?