श्रीमती इंद्रा देवी रूंगटा ने उठायी है पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी, अप्रैल में होगी प्राण प्रतिष्ठा।
Motihari | Raxaul| Today’sBigCulturalNews report by अनिल कुमार।
थाना परिसर में स्थित ऐतिहासिक शिव मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य अब अंतिम चरण में है। मंदिर के शिखर पर विधिवत पूजा-अर्चना के साथ कलश व त्रिशूल की स्थापना की गयी।
देश की आजादी के पूर्व वर्ष 1933 में स्थापित इस मंदिर ने समय के साथ खंडहर का रूप ले लिया था। लेकिन अब श्रद्धालुओं की आस्था और समर्पण से इसका पुनर्निर्माण हो रहा है। इस पुनर्स्थापना का श्रेय स्वर्गीय विश्वनाथ जी रूंगटा की धर्मपत्नी श्रीमती इंद्रा देवी रूंगटा को जाता है, जिन्होंने पूरे भक्ति भाव से मंदिर के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी उठायी हैं।
मंदिर और उसके शिखर व गुम्बज का निर्माण उज्जैन से आए अनुभवी कारीगरों द्वारा-
मंदिर और उसके शिखर व गुम्बज का निर्माण विशेष रूप से उज्जैन से आए अनुभवी कारीगरों द्वारा किया जा रहा है, ताकि इसका पारंपरिक स्वरूप और धार्मिक महत्त्व बना रहे। श्रद्धालुओं की मान्यता है कि इस मंदिर का पुनर्निर्माण रक्सौल क्षेत्र के लिए आध्यात्मिक उन्नति और सांस्कृतिक जागरण का प्रतीक बनेगा।
पुनर्निर्माण प्रक्रिया के दौरान आज मंदिर के शिखर पर विधिवत पूजा-अर्चना के साथ कलश और त्रिशूल की स्थापना की गई। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय भक्तों ने भाग लिया और मंगल कामनाएं कीं।
मंदिर जीर्णोद्धार कार्य से जुड़े श्रद्धालुओं ने बताया कि शिव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 13 अप्रैल से 15 अप्रैल तक भव्य रूप से संपन्न होगी। इस दौरान विविध धार्मिक अनुष्ठान, शिव अभिषेक, हवन, कीर्तन और भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
आयोजकों ने रक्सौल क्षेत्र के सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे इस पावन अवसर पर एकजुट होकर भगवान शिव की आराधना में भाग लें और पुण्य के भागी बनें। मंदिर के पुनर्निर्माण से क्षेत्रवासियों में नई ऊर्जा और भक्ति की लहर दौड़ रही है, और सभी को बेसब्री से प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का इंतजार है।
यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी आध्यात्मिक प्रेरणा का स्रोत सिद्ध होगा।
फोटो – मंदिर के शिखर पर विधिवत पूजा-अर्चना के साथ कलश और त्रिशूल की स्थापना की गई।
Photo & Video- देश वाणी।
Motihari| Raxaul| The renovation of the Shiva temple, established in 1933 at the Raxaul police station premises, entrusted to artisans from Ujjain for dome construction.
The restoration work of the historic Shiva temple located within the Raxaul police station premises is now in its final stage. The consecration ceremony of the temple will take place in April.
The temple’s pinnacle has been adorned with a consecrated urn and a trident following a ritualistic worship ceremony.
Established in 1933, before India’s independence, the temple had gradually turned into ruins over time. However, with the devotion and dedication of the devotees, it is now being reconstructed. The credit for this restoration goes to the late Vishwanath Ji Rungta’s wife, Mrs. Indra Devi Rungta, who has taken on the responsibility of rebuilding the temple with deep faith and devotion.