रक्सौल | अनिल कुमार|
कपड़ा व्यवसायी की शिकायत बनी जांच का आधार, भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अधिकारी–
रक्सौल अनुमंडल के एसडीपीओ धीरेंद्र कुमार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
चंपारण रेंज के डीआईजी हर किशोर राय द्वारा की गयी जांच के बाद एसडीपीओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की आशंका तेज हो गयी है। डीआईजी ने अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को सौंप दी है, जिसमें कई गंभीर आरोपों की पुष्टि की गयी है।
कपड़ा व्यवसायी की शिकायत से शुरू हुआ मामला
यह पूरा मामला रक्सौल के कपड़ा व्यवसायी टुन्ना प्रसाद की शिकायत के बाद सामने आया। उन्होंने आरोप लगाया कि एसडीपीओ और थानाध्यक्ष ने उनसे कपड़े तो ले लिए लेकिन भुगतान नहीं किया। साथ ही अवैध वसूली और धमकी देने के भी आरोप लगाए गये। यह घटना आदापुर थाना क्षेत्र के भेड़िहारी गांव की बतायी गयी है।
डीआईजी ने खुद की जांच, कई तथ्य आए सामने
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डीआईजी हर किशोर राय खुद रक्सौल पहुंचे और जांच की। जांच में पाया गया कि एसडीपीओ कार्यालय में कार्यरत सिपाही नीरज कुमार भी अवैध वसूली में शामिल था। डीआईजी की रिपोर्ट के अनुसार, बिचौलियों के माध्यम से पैसे की वसूली की जा रही थी और इसकी जानकारी एसडीपीओ को थी।
कार्यस्थल पर न जाकर रिपोर्ट बनाना भी रिपोर्ट में दर्ज-
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि एसडीपीओ ने घटनास्थल पर खुद न जाकर कार्यालय में बैठकर रिपोर्ट तैयार की थी। हालांकि, कुछ आरोपों को संदेहास्पद भी माना गया है और आगे जांच की आवश्यकता बताई गई है।
थानाध्यक्ष निलंबित, बिचौलिया व चौकीदार पर भी कार्रवाई-
जांच के आधार पर रक्सौल थानाध्यक्ष राजीव नंदन सिन्हा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा एक कथित बिचौलिया शिवपूजन शर्मा की गिरफ्तारी और एक चौकीदार को भी निलंबित करने के आदेश दिए गए हैं।
साजिश की भी आशंका, ड्रग माफियाओं पर हुई थी बड़ी कार्रवाई-
हालांकि इस पूरे मामले में साजिश की भी आशंका जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, एसडीपीओ धीरेंद्र कुमार ने अपने कार्यकाल के डेढ़ वर्षों में 200 से अधिक ड्रग तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इसमें कई अंतरराष्ट्रीय माफिया भी शामिल थे, जिनमें असलम, अख्तर मुखिया, नेजाम, रिजवान, अबुलेश, टिंकू मियां, राहूल और रवि गुप्ता जैसे नाम शामिल हैं।
फर्जी नेटवर्किंग गिरोह का भी किया था भंडाफोड़-
एसडीपीओ ने नौकरी का झांसा देकर फर्जी नेटवर्किंग कंपनी चलाने वाले एक गिरोह का भी पर्दाफाश किया था। इस गिरोह से 500 से अधिक बच्चों को छुड़ाया गया था, जिन्हें गुमराह कर फंसाया गया था।
2025 में ही 60 ड्रग तस्करों को भेजा जेल-
साल 2025 में अब तक 60 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। सीमावर्ती इलाकों में मादक पदार्थों की तस्करी रोकने में एसडीपीओ की भूमिका अहम रही है, जिससे नाराज माफियाओं द्वारा उन्हें फंसाने की साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
फोटो: रक्सौल एसडीपीओ धीरेन्द्र कुमार