spot_img
Saturday, April 19, 2025
spot_img
HomeBreaking150 वर्षों के पौराणिक शिव मंदिर को मिला नया जीवन : रक्सौल...

150 वर्षों के पौराणिक शिव मंदिर को मिला नया जीवन : रक्सौल की आस्था और संस्कृति का प्रतीक बना

-

1. खंडहर से भव्यता की ओर
रक्सौल स्थित सूर्य मंदिर परिसर के पास लगभग 150 साल पुराने पौराणिक शिव मंदिर का कायाकल्प हो चुका है। पहले यह मंदिर खंडहर स्थिति में था, लेकिन अब यह एक सुंदर और भव्य रूप में सामने आया है। श्रद्धालुओं के अनुसार, इस शिवलिंग पर प्राकृतिक रूप से जनेऊ विद्यमान था, पर 2015 के भूकंप में मंदिर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था।

पौराणिक शिवमंदिर में प्राण प्रतिष्ठा।

2. इंद्रा देवी रूंगटा का संकल्प बना प्रेरणा
मंदिर के जीर्णोद्धार का संकल्प 70 वर्षीय इंद्रा देवी रूंगटा ने लिया। वे अमरदीप कपड़े की दुकान के संचालक बिमल और प्रदीप रूंगटा की माता हैं और स्वर्गीय विश्वनाथ रूंगटा की पत्नी थीं। जब वे दर्शन को गईं और मंदिर की जर्जर स्थिति देखी, तो भावुक होकर परिवार के साथ मिलकर पुनर्निर्माण का निर्णय लिया।

3. पूरे परिवार ने निभाई अहम भूमिका
इंद्रा देवी के साथ उनके पुत्र, पुत्रवधु रचना रूंगटा, पौत्र गौरांग रूंगटा और आनंद रूंगटा ने मिलकर मंदिर के निर्माण की रूपरेखा तैयार की। सभी के सहयोग से यह मंदिर अब एक सांस्कृतिक धरोहर बन गया है, जिसका गुंबद दूर से ही आकर्षित करता है।

4. उज्जैन के कारीगरों ने रची सुंदरता की कहानी
मंदिर का निर्माण उज्जैन के कुशल कारीगरों द्वारा किया गया है। मंदिर के शिखर और गुंबद की कलात्मक सुंदरता देखने योग्य है। मंदिर में भगवान शिव के साथ माता पार्वती, श्रीगणेश और नंदी जी की मूर्तियाँ भी स्थापित की गई हैं। यह मंदिर पूरी तरह वातानुकूलित (एयर कंडीशन्ड) है जिससे श्रद्धालुओं को पूजा-पाठ में सुविधा मिलती है।

5. प्राण प्रतिष्ठा और भव्य आयोजन
13 अप्रैल से पूजा अनुष्ठान की शुरुआत हुई और मंगलवार को मथुरा से आए विद्वानों द्वारा विधिवत प्राण प्रतिष्ठा संपन्न कराई गई। मंदिर सुबह 7 से 11 बजे और शाम 5 से 9 बजे तक खुला रहेगा। आरती का समय होली और दीपावली जैसे त्योहारों के अनुसार समायोजित किया जाएगा।

6. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और प्रसाद वितरण
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। पूरे दिन प्रसाद और भंडारे की भव्य व्यवस्था रही। अब यह मंदिर न केवल श्रद्धा का केंद्र बन गया है, बल्कि रक्सौल की सांस्कृतिक पहचान का भी प्रतीक बन गया है।

(फोटो: पौराणिक शिव मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दृश्य)

Related articles

Bihar

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
spot_img

Latest posts