आनंद कुमार।
जान्हवी डांगेती, जो भारत की एक होनहार युवती हैं, 2029 में टाइटन्स स्पेस मिशन में उड़ान भरने वाली हैं। वे इस मिशन में शामिल होने वाली भारत की पहली अंतरिक्ष यात्री बनेंगी। इस मिशन का नेतृत्व NASA के अनुभवी अंतरिक्षयात्री और अमेरिका की सेना के रिटायर्ड कर्नल विलियम मैक आर्थर जूनियर करेंगे।
जान्हवी ने NASA के इंटरनेशनल एयर एंड स्पेस प्रोग्राम से पढ़ाई की है और उन्होंने कई देशों में जाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग भी ली है। वह STEM शिक्षा (विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित) को बढ़ावा देने के लिए भी काम करती हैं।
मिशन की खास बातें:
- यह मिशन अमेरिका से शुरू होगा
- मिशन की कुल अवधि होगी लगभग 5 घंटे
- इस दौरान स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी का दो बार चक्कर लगाएगा, जिससे यात्री दो सूर्योदय और दो सूर्यास्त देख सकेंगे
- लगभग 3 घंटे तक लगातार ज़ीरो ग्रैविटी (भारहीनता) का अनुभव मिलेगा
- इस ज़ीरो ग्रैविटी में वैज्ञानिक प्रयोग और मानव अंतरिक्ष यात्रा से जुड़ी नई खोजें की जाएंगी
कौन कर रहा है नेतृत्व?
इस मिशन का नेतृत्व NASA के अनुभवी अंतरिक्ष यात्री और अमेरिका की सेना के रिटायर्ड कर्नल विलियम मैकआर्थर जूनियर करेंगे। वे फिलहाल टाइटन्स स्पेस के मुख्य अंतरिक्ष यात्री (Chief Astronaut) के पद पर कार्यरत हैं।
निष्कर्ष:
जान्हवी की यह उपलब्धि न केवल भारत के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह युवाओं को विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करेगी।
Jahnavi Dangeti to Become First Indian Astronaut on Titans Space Mission in 2029
जाह्नवी डांगेती कौन हैं? – जीवन परिचय, शिक्षा और सफर
शुरुआती जीवन:
जाह्नवी डांगेती आंध्र प्रदेश के पलकोल्लू नाम के एक छोटे से शहर की रहने वाली हैं। जब वह सिर्फ 11 साल की थीं, तब उन्होंने अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना देखा था। अब वह 2029 में टाइटन्स स्पेस मिशन के ज़रिए अंतरिक्ष में जाने के लिए तैयार हैं।
शिक्षा:
जाह्नवी ने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (पंजाब) से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। पढ़ाई के दौरान उन्होंने कई स्पेस प्रोजेक्ट्स में हिस्सा लिया।
वह नासा के इंटरनेशनल एयर एंड स्पेस प्रोग्राम (IASP) को पूरा करने वाली पहली भारतीय भी हैं।
उपलब्धियाँ और अनुभव:
- वह मिनी रॉकेट और अंडरवॉटर रॉकेट लॉन्च की मिशन डायरेक्टर रह चुकी हैं।
- 2022 में पोलैंड में हुए चंद्र मिशन सिमुलेशन में भाग लिया।
- वह आइसलैंड में भूवैज्ञानिक (जियोलॉजी) ट्रेनिंग पाने वाली पहली भारतीय बनीं।
प्रेरणा:
जाह्नवी STEM (विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग, गणित) शिक्षा को बढ़ावा देती हैं और बच्चों को अंतरिक्ष के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करती हैं।
निष्कर्ष:
एक छोटे शहर से निकली जाह्नवी ने मेहनत, लगन और सपनों के बल पर अंतरिक्ष में उड़ान भरने का रास्ता तय किया है। उनका सफर आज के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।