गरियाबंद से बड़ी कार्रवाई–
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से शनिवार को बड़ी खबर सामने आयी। नक्सलियों के डिवीजनल कमांडर दीपक मंडावी सहित कुल चार नक्सलियों (दो पुरुष और दो महिलाएं) ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
वहीं दूसरी कार्रवाई में पुलिस ने 16.5 लाख रुपये नकद, 31 कारतूस, 8 बीजीएल, नक्सली वर्दियां, डेटोनेटर और अन्य सामग्री भी ज़ब्त किये हैं।
समर्पण करने वालों में दीपक के अलावा कैलाश, रनिता और सुजाता शामिल हैं। इन सभी पर कुल 19 लाख रुपये का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण के दौरान नक्सलियों ने अपनी ऑटोमेटिक राइफल और भरमार बंदूक भी पुलिस के हवाले कर दी।
छापेमारी में मिला नक्सली खजाना–
इसी बीच, शनिवार सुबह पुलिस ने नक्सलियों के एक गुप्त ठिकाने पर छापेमारी की। नक्सली मौके से भाग निकले, लेकिन पुलिस को वहां से भारी मात्रा में सामान मिला। बरामदगी में 16.5 लाख रुपये नकद, 31 कारतूस, 8 बीजीएल, नक्सली वर्दियां, डेटोनेटर और अन्य सामग्री शामिल हैं।
एसपी और आईजी की पहल से हुआ आत्मसमर्पण–
एसपी निखिल राखेचा के नेतृत्व और रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा की देखरेख में यह आत्मसमर्पण संभव हो पाया। पुलिस की विशेष टीम ने मुखबिरों की मदद से नक्सलियों से संपर्क साधा। पत्रकार वार्ता में आईजी अमरेश मिश्रा ने बताया-
“दीपक ने नक्सली संगठन के कई राज खोले हैं। उन्होंने कहा कि नक्सल संगठन अब अपनी अंतिम लड़ाई लड़ रहा है और बड़े कमांडर छोटे कैडर के नक्सलियों पर दबाव बनाए रखते हैं कि वे समर्पण न करें। इसके बावजूद सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर यह कदम उठाया गया।”
आतंक का पर्याय रहा दीपक–
डिवीजनल कमांडर दीपक मंडावी लंबे समय से गरियाबंद, नुआपाड़ा और धमतरी क्षेत्र में सक्रिय था और कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहा। इसपर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह इलाके में आतंक का पर्याय माना जाता था। पुलिस अब नक्सलियों के ग्रामीण और शहरी नेटवर्क को ध्वस्त करने की तैयारी में जुट गयी है।
पुरस्कार और प्रोत्साहन–
समर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को सरकार की ओर से 50-50 हजार रुपये नकद पुरस्कार दिया गया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी नक्सली आत्मसमर्पण कर सकते हैं।
Chhattisgarh | Naxal Surrender: 4 Naxalites Laid Down Arms in Gariaband, Cash and Weapons Seized