नंदनगढ़ में परिक्रमा और पूजा-अर्चना, विशुनपुरवा खेल मैदान में किया रात्रि विश्राम
अवधेश शर्मा की रिपोर्ट।
बेतिया: पश्चिम चंपारण जिले के ऐतिहासिक अशोक स्तंभ और नंदनगढ़ का भ्रमण करने के लिए थाईलैंड से आए 90 बौद्ध भिक्षुओं का दल लौरिया पहुंचा। भिक्षुओं ने यहां परिक्रमा की और पूजा-अर्चना की। इस दौरान वे विशुनपुरवा खेल मैदान में रुके और रात्रि विश्राम किया।
भिक्षुओं के मुख्य गुरु ने बताया कि यह दल थाईलैंड से चलकर बोधगया पहुंचा था। यात्रा के दौरान उन्होंने बोधगया, दुगेसरी, गुरुपा, राजगीर, नालंदा, वैशाली, केसरिया, कुशीनगर और पडरौना होते हुए लौरिया का सफर तय किया। लौरिया में उन्होंने अशोक स्तंभ का पैदल भ्रमण किया और नंदनगढ़ में पूजा की।
भिक्षुओं का कहना है कि लौरिया का अशोक स्तंभ और नंदनगढ़ उनके लिए ऐतिहासिक स्थल हैं। भगवान बुद्ध भी इसी मार्ग से होते हुए अरेराज, केसरिया, वैशाली, नालंदा, राजगीर और बोधगया गए थे। इसी मार्ग पर चलते हुए वे भी अपनी यात्रा पूरी करेंगे और बोधगया पहुंचकर इसे समाप्त करेंगे।
भिक्षुओं की यह टीम जीपीएस की सहायता से रामपुरवा होते हुए नरकटियागंज से पैदल यात्रा कर शुक्रवार को लौरिया पहुंची। सभी भिक्षु फिलहाल विशुनपुरवा खेल मैदान में रुके हुए हैं, जहां से वे गुरुवार को स्नान और अल्पाहार करेंगे।
90 Buddhist Monks from Thailand Visit Lauria Ashoka Pillar in East Champaran