जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 22 अगस्त
लंबे इंतजार के बाद सपना होगा साकार-

बिहार की राजधानी पटना में आधुनिक परिवहन प्रणाली की वर्षों पुरानी मांग अब पूरी होने जा रही है। राजधानी की आबादी और लगातार बढ़ते ट्रैफिक जाम के बीच मेट्रो सेवा शुरू होने जा रही है। दिल्ली, मुंबई, लखनऊ और कोलकाता जैसे शहरों में मेट्रो ने जिस तरह आवागमन को सरल बनाया है, उसी तर्ज पर अब पटना भी इस सुविधा से जुड़ने जा रहा है।
सितंबर के अंतिम सप्ताह से पटना मेट्रो आम यात्रियों के लिए खोल दी जाएगी। इन दिनों इसका ट्रायल रन सफलतापूर्वक जारी है।
मेट्रो परियोजना का लंबा सफर-
पटना मेट्रो की योजना पहली बार 2009 में तैयार हुई थी। लेकिन राजनीतिक उठापटक, धन की कमी और प्रशासनिक सुस्ती के कारण यह वर्षों तक अटकी रही।
- 2011 में परियोजना की डीपीआर बनाई गई।
- 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका औपचारिक शिलान्यास किया।
- 2025 में आखिरकार पहले चरण का ट्रायल शुरू होकर यह सपना आकार ले चुका है।
दो कॉरिडोर पर दौड़ेगी मेट्रो-
इस परियोजना में कुल दो कॉरिडोर बनाए गए हैं, जिनकी लंबाई लगभग 32.5 किमी होगी।
- कॉरिडोर-1: आईएसबीटी से दानापुर कैंट (17.9 किमी, 14 स्टेशन – भूमिगत व एलीवेटेड दोनों)।
- कॉरिडोर-2: पटना रेलवे स्टेशन से पटना जंक्शन होते हुए पटना सिटी (14.5 किमी, 12 स्टेशन – पूरी तरह भूमिगत)।
पहला चरण-
प्राथमिकता कॉरिडोर (आईएसबीटी – खेमनीचक) पर ट्रायल शुरू हो चुका है, जिसमें 5 स्टेशन (आईएसबीटी, जीरो माइल, भूतनाथ, मलाही पकड़ी और खेमनीचक) शामिल हैं।
20 हजार करोड़ की बड़ी परियोजना-
इस पर कुल 20 हज़ार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
- निर्माण कार्य का जिम्मा दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) को दिया गया है।
- उन्नत सिग्नलिंग सिस्टम, बिजली आपूर्ति, भूमिगत सुरंग, स्टेशन और अत्याधुनिक कंट्रोल रूम परियोजना का हिस्सा हैं।
- खेमनीचक इंटरचेंज स्टेशन सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण है।
किराया और सुविधा-
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पटना मेट्रो का किराया ₹15 से ₹60 तक होगा।
- 2-3 किमी तक यात्रा : ₹15
- 5-10 किमी की दूरी : ₹30-₹40
- पूरे कॉरिडोर की यात्रा : ₹60
इसके अलावा स्मार्टकार्ड, मोबाइल ऐप और डिजिटल पेमेंट की सुविधा भी यात्रियों को मिलेगी।
ट्रैफिक जाम से बड़ी राहत-
पटना की सड़कें और ट्रैफिक अव्यवस्था राजधानी की बड़ी समस्या है। रोज़ाना करीब 12 लाख वाहन शहर में चलते हैं। बाईपास, गांधी मैदान, स्टेशन रोड और कंकड़बाग जैसे इलाकों में हालात बेहद खराब रहते हैं। ऐसे में मेट्रो सेवा समय की बचत और जाम से छुटकारा दिलाने में अहम भूमिका निभाएगी।
रोजगार और विकास की नयी राह-
- निर्माण कार्य में हजारों लोगों को अस्थायी रोजगार मिला।
- नियमित संचालन से 5000 से अधिक स्थायी नौकरियां मिलने की संभावना है।
- मेट्रो स्टेशनों के पास शॉपिंग एरिया, कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स और बिजनेस सेंटर्स का तेजी से विकास होगा।
राजनीतिक महत्व भी बड़ा-
आने वाले महीनों में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में मेट्रो सेवा की शुरुआत नीतीश सरकार के लिए चुनावी मुद्दा और उपलब्धि दोनों मानी जाएगी। विपक्ष जहां अब तक देरी का मुद्दा उठाता रहा, वहीं चुनाव पूर्व उद्घाटन से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी “विकासशील छवि” पेश करना चाहेंगे।
कुछ चुनौतियाँ अब भी बाकी-
- खेमनीचक स्टेशन पर फिनिशिंग का कार्य अधूरा है।
- भूमिगत सुरंगों के कार्य में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं।
- ट्रैफिक डायवर्जन से जनता असुविधा झेल रही है।
- लागत में लगातार वृद्धि हो रही है।
लोगों में उत्साह और उम्मीदें-
- छात्र-छात्राएं इसे सुलभ और किफायती मान रहे हैं।
- नौकरीपेशा लोगों को जाम से राहत की उम्मीद है।
- व्यापारी समुदाय स्टेशन क्षेत्र को नए व्यावसायिक केंद्रों के रूप में देख रहा है।
स्मार्ट सिटी मिशन की ओर बड़ा कदम–
मेट्रो से—
- प्रदूषण में कमी,
- समय की बचत,
- आधुनिक यात्रा शैली,
- बेहतर सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध होगा।
निष्कर्ष-
पटना मेट्रो सिर्फ एक यातायात साधन नहीं, बल्कि पूरे बिहार की बदलती आकांक्षाओं और विकास का प्रतीक बनने जा रही है। लंबे इंतजार के बाद जब यह ट्रेन सितंबर के अंत में आम जनता के लिए खुलेगी, तो यह न सिर्फ ट्रैफिक से राहत दिलाएगी बल्कि रोजगार, व्यापार और जीवनशैली की गति भी बढ़ाएगी।
Patna | Metro to Open for Public by the End of September
Dream to Become Reality After Long Wait