पटना से जितेंद्र कुमार सिन्हा|
दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन के सांस्कृतिक एवं साहित्यिक महोत्सव में बच्चों की रचनात्मकता और भारतीय मूल्यों का संगम
पटना, 08 अगस्त: दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन ने सरस्वती विद्या मंदिर, उदासीन आश्रम में एक शानदार सांस्कृतिक और साहित्यिक महोत्सव का आयोजन किया। इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य बच्चों की प्रतिभा को मंच देना और उन्हें भारतीय संस्कृति, देशभक्ति और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मूल्यों से जोड़ना था। कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने अपनी रचनात्मकता से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
महोत्सव के मुख्य आकर्षण-
इस महोत्सव में कई तरह की प्रतियोगिताएं और गतिविधियां आयोजित की गईं, जो बच्चों की बहुमुखी प्रतिभा को प्रदर्शित करने के लिए थीं:
- गायन: बच्चों ने देशभक्ति गीत और भजन गाकर माहौल में जोश भर दिया।
- वाद-विवाद: “भारतीय और पश्चिमी सभ्यता” जैसे विषय पर छात्रों ने दमदार तर्क प्रस्तुत किए।
- चित्रकला: छात्रों ने भारत की संस्कृति, पर्यावरण और सामाजिक मुद्दों पर जीवंत चित्र बनाए।
- राखी निर्माण: बच्चों ने अपनी कलात्मकता का परिचय देते हुए सुंदर राखियां बनाईं, जिनमें परंपरा और आधुनिकता का मेल था।
- नाट्य मंचन: ‘भारत माता’, ‘संस्कृति और प्रगति’ और ‘झूठ के पैर नहीं होते’ जैसे नाटकों के माध्यम से छात्रों ने महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश दिए।
- वृक्षारोपण: कार्यक्रम के अंत में पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए आम, नीम, अमरूद, जामुन और पीपल के पौधे लगाए गए।
- इस कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुसुम यादव ने अध्यक्षता की, वहीं शिक्षकों और दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन के सदस्यों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। यह महोत्सव सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं था, बल्कि भारतीय संस्कृति और मूल्यों के पुनरुत्थान का एक उत्सव था, जिसने यह साबित कर दिया कि शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि कला, संस्कृति और सामाजिक जिम्मेदारी का भी हिस्सा है।
- Divya Jeernoddhar Foundation Organizes Cultural and Literary Festival