केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 02 JUN, 2025 को “भारत जेन” का अनावरण किया है, जो भारत का अपनी तरह का पहला, स्वदेशी रूप से विकसित, सरकारी फंडिंग वाला AI-आधारित मल्टीमॉडल लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) है, जिसे विशेष रूप से भारतीय भाषाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह लॉन्च “भारत जेन शिखर सम्मेलन” में हुआ, जो भारत का सबसे बड़ा जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और LLM शिखर सम्मेलन और हैकथॉन था।
सवाल है कि BharatGen कितना मुकाबला कर पाएगा ChatGPT, Gemini और Deepsync से?
क्या है ‘भारत जेन’?
भारतीय भाषाओं के लिए AI का नया युग
“भारत जेन” एक ऐसा AI मॉडल है जो भारत की 22 भाषाओं में काम कर सकता है। यह सिर्फ टेक्स्ट ही नहीं, बल्कि आवाज और तस्वीरों को भी समझता है। इसका मुख्य लक्ष्य भारत के अलग-अलग भाषाई और सांस्कृतिक क्षेत्रों में AI के विकास में क्रांति लाना है।

सरकार का समर्थन और बड़े संस्थानों का साथ
यह पहल राष्ट्रीय अंतःविषय साइबर-फिजिकल सिस्टम मिशन (NM-ICPS) के तहत विकसित की गई है और इसे IIT बॉम्बे के TIH फाउंडेशन फॉर IoT और IoE द्वारा लागू किया गया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) इसे पूरा समर्थन दे रहा है, और इसमें कई प्रमुख शैक्षणिक संस्थान, विशेषज्ञ और इनोवेटर शामिल हैं।
भारत जेन का उद्देश्य: नैतिक और समावेशी AI
भारतीय मूल्यों में गहरी जड़ें
डॉ. जितेंद्र सिंह ने “भारत जेन” को “एक राष्ट्रीय मिशन” बताया जिसका लक्ष्य ऐसा AI बनाना है जो नैतिक, समावेशी, बहुभाषी हो और भारतीय मूल्यों तथा लोकाचार में गहराई से निहित हो। इसका मतलब है कि यह AI भारतीय समाज और संस्कृति के हिसाब से काम करेगा।
महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सशक्त बनाना
डॉ. सिंह ने बताया कि “भारत जेन” स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि और शासन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को मजबूत करेगा। यह हर भारतीय की ज़रूरतों को समझने और उनकी सेवा करने के लिए क्षेत्र-विशिष्ट AI समाधान प्रदान करेगा।
AI डॉक्टर: दूरदराज के गांवों में स्वास्थ्य क्रांति
स्थानीय भाषा में इलाज से बढ़ता विश्वास
डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने संसदीय क्षेत्र का एक सफल उदाहरण साझा किया, जहां AI-संचालित टेलीमेडिसिन सेवाएं काम कर रही हैं। यहां AI डॉक्टर मरीज की अपनी भाषा में बात करता है। डॉ. सिंह ने कहा, “यह न केवल विश्वास पैदा करता है, बल्कि इसका एक प्लेसीबो जैसा मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी होता है, जिससे भारत भर के सुपरस्पेशियलिटी अस्पतालों से जुड़े दूरदराज के क्षेत्रों में बेहतर देखभाल संभव होती है।”
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) और AI का मेल
समग्र शिक्षा और रोजगार के अवसर
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि “भारत जेन” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “भारत के टेकडे” (India’s Techade) के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य केवल नवाचार ही नहीं, बल्कि समावेशन भी है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के समावेशी दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला, जो छात्रों को तकनीकी और मानविकी विषयों को मिलाकर अंतःविषय शिक्षा को बढ़ावा देती है, जिससे उनकी रोजगार क्षमता और नवाचार क्षमता बढ़ती है।
शासन और नवाचार में जनरेटिव AI की भूमिका
नागरिक जुड़ाव में सुधार
डॉ. सिंह ने जमीनी स्तर पर शासन में जनरेटिव AI की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने नागरिक जुड़ाव और शिकायत निवारण को बढ़ाने के लिए CPGRAMS जैसे प्लेटफार्मों में बहुभाषी फीडबैक सिस्टम के एकीकरण का उदाहरण दिया।
स्टार्टअप्स और नवाचार का उदय
उन्होंने 3,000 से अधिक एग्री-टेक स्टार्टअप्स की सफलता का भी जश्न मनाया, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में लैवेंडर की खेती जैसी pioneering पहल, जो यह साबित करती है कि नवाचार सिर्फ महानगरों और IT क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है।
भविष्य की योजनाएं और साझेदारी
हैकथॉन और अनुसंधान
शिखर सम्मेलन में जनरेटिव AI हैकथॉन 2025 का भी शुभारंभ हुआ, जो छात्र इनोवेटरों को AI के माध्यम से वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए एक बड़ा कदम है। “भारत जेन” पहल को 25 टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (TIHs) के नेटवर्क के माध्यम से लागू किया जा रहा है, जिनमें से चार को टेक्नोलॉजी ट्रांसलेशनल रिसर्च पार्कों (TTRPs) में अपग्रेड किया गया है।
चार स्तंभों पर आधारित मिशन
इस मिशन के चार मुख्य स्तंभ हैं:
- प्रौद्योगिकी विकास
- उद्यमिता
- मानव संसाधन विकास
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
शिखर सम्मेलन में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
“भारत जेन शिखर सम्मेलन” में कई महत्वपूर्ण हस्तियां मौजूद थीं, जिनमें प्रो. अभय करंदीकर (सचिव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग), वी. श्रीनिवास (सचिव, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग), रंजीत पुन्हानी (सचिव, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय), और अभिषेक सिंह (अपर सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय) शामिल थे। इस कार्यक्रम में इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन और “भारत जेन” के प्रधान अन्वेषक प्रो. गणेश रामकृष्णन जैसे उद्योग विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।
इन सभी गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने भारत के AI इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने पर शिखर सम्मेलन के फोकस को और गहरा किया।
भारत जेन, ChatGPT, Gemini और Deepsync में क्या अंतर है?
ये सभी AI तकनीकें हैं, लेकिन इनके फोकस और क्षमताओं में महत्वपूर्ण अंतर हैं:
- ChatGPT (ओपनएआई द्वारा):
- मुख्य फोकस: यह एक लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) है जो टेक्स्ट-आधारित वार्तालाप और कंटेंट जनरेशन के लिए जाना जाता है। यह प्रश्नों का उत्तर दे सकता है, लेख लिख सकता है, कोड जनरेट कर सकता है, कविताएँ बना सकता है और बहुत कुछ कर सकता है।
- क्षमताएं: मुख्य रूप से टेक्स्ट पर केंद्रित है, हालांकि इसके नवीनतम संस्करणों (जैसे GPT-4o) में मल्टीमॉडल क्षमताएं (छवि और ऑडियो को समझना) भी आ गई हैं। इसका डेटा आमतौर पर एक निश्चित समय सीमा तक सीमित होता है (हालांकि पेड वर्जन में वेब एक्सेस भी मिलता है)।
- पहचान: अपनी बातचीत की क्षमता और विभिन्न प्रकार के लिखित कंटेंट बनाने की क्षमता के लिए विश्व स्तर पर लोकप्रिय।
- Gemini (गूगल द्वारा):
- मुख्य फोकस: यह एक मल्टीमॉडल LLM है जिसे गूगल ने विकसित किया है। इसका मुख्य जोर विभिन्न प्रकार के डेटा (टेक्स्ट, इमेज, ऑडियो, वीडियो) को एक साथ समझने और प्रोसेस करने पर है।
- क्षमताएं: ChatGPT की तुलना में अधिक व्यापक मल्टीमॉडल क्षमताएं। यह सीधे गूगल सर्च से डेटा एक्सेस कर सकता है, जिससे इसे वास्तविक समय की जानकारी तक पहुंच मिलती है। यह गूगल के अन्य उत्पादों (जैसे जीमेल, डॉक्स) के साथ बेहतर तरीके से एकीकृत है।
- पहचान: गूगल के बड़े डेटा और रिसर्च क्षमताओं का लाभ उठाता है, और इसका लक्ष्य एक अधिक एकीकृत और संदर्भ-जागरूक AI असिस्टेंट बनना है।
- Deepsync:
- मुख्य फोकस: Deepsync एक भारतीय AI कंपनी है जो मुख्य रूप से वॉयस AI और सिंथेटिक मीडिया पर काम करती है। यह टेक्स्ट-टू-स्पीच, वॉयस क्लोनिंग और ऑडियो/वीडियो लोकललाइजेशन पर केंद्रित है।
- क्षमताएं: यह विशेष रूप से आवाज और ऑडियो सामग्री बनाने और हेरफेर करने में माहिर है। यह भाषाओं में डबिंग, वॉयसओवर और वर्चुअल असिस्टेंट के लिए यथार्थवादी आवाजें बनाने में मदद करता है। यह ChatGPT या Gemini जैसे व्यापक LLM नहीं है जो सामान्य बातचीत या टेक्स्ट जनरेशन के लिए डिज़ाइन किए गए हों।
- पहचान: वॉयस AI और सिंथेटिक मीडिया स्पेस में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है।
- भारत जेन (भारत सरकार द्वारा):
- मुख्य फोकस: यह भारत का पहला स्वदेशी, सरकारी फंडिंग वाला, AI-आधारित मल्टीमॉडल LLM है, जिसे विशेष रूप से भारतीय भाषाओं और मूल्यों के लिए विकसित किया गया है। इसका लक्ष्य नैतिक, समावेशी और बहुभाषी AI बनाना है जो भारतीय लोकाचार में गहराई से निहित हो।
- क्षमताएं:
- बहुभाषी: 22 भारतीय भाषाओं में टेक्स्ट, स्पीच और इमेज को समझता और प्रोसेस करता है।
- भारतीय संदर्भ: भारतीय भाषाओं की बारीकियों, सांस्कृतिक संवेदनशीलता और स्थानीय जरूरतों को समझता है।
- सरकारी सेवाएं: स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि और शासन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में क्षेत्र-विशिष्ट AI समाधान प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित।
- नैतिक AI: नैतिक सिद्धांतों और समावेशिता पर विशेष जोर।
- पहचान: भारत की अपनी AI क्षमता को विकसित करने और उसे अपने नागरिकों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम।
संक्षेप में अंतर:
- ChatGPT और Gemini: सामान्य-उद्देश्य वाले बड़े मल्टीमॉडल LLM, वैश्विक दर्शकों के लिए डिज़ाइन किए गए। Gemini की मल्टीमॉडल क्षमताएं ChatGPT से थोड़ी अधिक व्यापक हैं और यह गूगल इकोसिस्टम में अधिक एकीकृत है।
- Deepsync: एक विशिष्ट AI कंपनी जो वॉयस AI और सिंथेटिक मीडिया पर केंद्रित है।
- भारत जेन: भारतीय भाषाओं और भारतीय संदर्भ पर विशेष ध्यान देने वाला मल्टीमॉडल LLM, जिसका लक्ष्य भारतीय नागरिकों की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करना और सरकारी सेवाओं में सुधार करना है।
क्या भारत जेन इनसे कंपीट कर पाएगा?
यह एक जटिल प्रश्न है, और इसका उत्तर कई कारकों पर निर्भर करेगा:
- सीधी प्रतिस्पर्धा (Direct Competition):
- हाँ, कुछ हद तक: भारतीय भाषाओं और सांस्कृतिक संदर्भ में, भारत जेन का सीधा लक्ष्य ChatGPT और Gemini जैसे वैश्विक मॉडलों से बेहतर प्रदर्शन करना है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां स्थानीय बारीकियों और बोलियों को समझना महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, एक ग्रामीण भारतीय गांव में स्थानीय बोली में स्वास्थ्य सलाह देना, ChatGPT या Gemini के लिए एक चुनौती हो सकती है, जबकि भारत जेन को इसी उद्देश्य के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- नहीं, हर पहलू में नहीं: ChatGPT और Gemini के पास विशाल डेटासेट, अनुसंधान बजट और वैश्विक उपयोगकर्ता आधार हैं। वे सामान्य ज्ञान, जटिल कोडिंग, या बहुत विशिष्ट वैश्विक विषयों पर अभी भी अधिक मजबूत हो सकते हैं। भारत जेन का शुरुआती ध्यान “भारतीय संदर्भ” पर है, इसलिए यह वैश्विक सामान्य-उद्देश्य वाले कार्यों में तुरंत उनसे आगे नहीं निकल पाएगा। Deepsync से सीधी प्रतिस्पर्धा कम है क्योंकि उनके कार्यक्षेत्र अलग हैं (Deepsync वॉयस सिंथेसिस पर है, Bharat Gen एक व्यापक LLM है)।
- भारत जेन के फायदे (भारत के संदर्भ में):
- गहरा भाषाई और सांस्कृतिक ज्ञान: यह सबसे बड़ा फायदा है। भारत की भाषाई विविधता अद्वितीय है, और एक स्वदेशी मॉडल जो इन भाषाओं की सूक्ष्मताओं को समझता है, वह कहीं अधिक प्रभावी होगा।
- नैतिक और समावेशी दृष्टिकोण: भारतीय मूल्यों और नैतिकता में निहित होने का दावा इसे अन्य मॉडलों से अलग करता है।
- सरकारी समर्थन और एकीकरण: सरकारी फंडिंग और विभिन्न मंत्रालयों में इसके एकीकरण की योजना इसे स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और शासन जैसे क्षेत्रों में तेजी से अपनाने में मदद करेगी।
- डेटा संप्रभुता: भारत का अपना AI मॉडल होने से डेटा संप्रभुता और सुरक्षा के संबंध में चिंताएं कम होती हैं।
- चुनौतियाँ:
- संसाधन और डेटा: ChatGPT और Gemini को विकसित करने वाली कंपनियों के पास भारी संसाधन और वर्षों का अनुसंधान है। भारत जेन को लगातार अपडेट और सुधार के लिए समान स्तर के डेटा और कंप्यूटिंग शक्ति की आवश्यकता होगी।
- प्रतिभा और नवाचार: AI क्षेत्र में प्रतिभा की वैश्विक प्रतिस्पर्धा है। भारत को अपने सर्वश्रेष्ठ दिमागों को आकर्षित करने और बनाए रखने की आवश्यकता होगी।
- तेजी से विकसित हो रहा क्षेत्र: AI तकनीक बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। भारत जेन को प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए लगातार नवाचार और अनुकूलन करना होगा।
निष्कर्ष:
“भारत जेन” का लक्ष्य वैश्विक मॉडलों को “सीधी प्रतिस्पर्धा” देना नहीं है, बल्कि भारतीय संदर्भ और भाषाओं के लिए एक विशिष्ट, अत्यधिक प्रासंगिक और प्रभावी AI समाधान प्रदान करना है। यह एक रणनीतिक कदम है जो भारत को AI के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना सकता है और अपने नागरिकों की अनूठी जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा कर सकता है।
यह संभावना है कि “भारत जेन” विशिष्ट भारतीय उपयोग-मामलों और सरकारी सेवाओं में ChatGPT और Gemini से बेहतर प्रदर्शन करेगा, जबकि वैश्विक मॉडल अपने व्यापक सामान्य-उद्देश्य वाले उपयोग के लिए अपनी जगह बनाए रखेंगे। यह “कौन बेहतर है” की बात नहीं है, बल्कि “किस उद्देश्य के लिए सबसे उपयुक्त है” की बात है। भारत जेन भारत के लिए AI की दुनिया में एक महत्वपूर्ण और आवश्यक खिलाड़ी बनने की क्षमता रखता है।
Bharat Gen: India’s AI Revolution for Indian Languages, and How It Compares to ChatGPT, Gemini, and Deepsync
These are all AI technologies, but their core focus and capabilities differ significantly:
1. ChatGPT (by OpenAI)
- Primary Focus: A Large Language Model (LLM) primarily known for text-based conversations and content generation. It can answer questions, write articles, generate code, create poems, and much more.
- Capabilities: Primarily text-focused, though its latest versions (like GPT-4o) have gained multimodal capabilities (understanding images and audio). Its knowledge is typically limited to its training data cut-off (though paid versions offer web access).
- Distinction: Globally popular for its conversational abilities and versatility in generating various types of written content.
2. Gemini (by Google)
- Primary Focus: A multimodal LLM developed by Google. Its key strength lies in simultaneously understanding and processing various types of data—text, images, audio, and video.
- Capabilities: More extensive multimodal capabilities than ChatGPT. It can access real-time information through direct integration with Google Search and is better integrated with other Google products (like Gmail, Docs).
- Distinction: Leverages Google’s vast data and research capabilities, aiming to be a more integrated and context-aware AI assistant.
3. Deepsync
- Primary Focus: An Indian AI company primarily focused on voice AI and synthetic media. It specializes in text-to-speech, voice cloning, and audio/video localization.
- Capabilities: Excels specifically in creating and manipulating voice and audio content. It helps with dubbing, voiceovers, and generating realistic voices for virtual assistants across languages. It’s not a broad LLM designed for general conversation or text generation like ChatGPT or Gemini.
- Distinction: Known for its expertise in the niche of voice AI and synthetic media.
4. Bharat Gen (by the Government of India)
- Primary Focus: India’s first indigenously developed, government-funded, AI-based Multimodal LLMspecifically designed for Indian languages and values. Its mission is to create AI that is ethical, inclusive, multilingual, and deeply rooted in Indian ethos.
- Capabilities:
- Multilingual: Understands and processes text, speech, and image modalities across 22 Indian languages.
- Indian Context: Built to understand the nuances of Indian languages, cultural sensitivities, and local needs.
- Government Services: Focused on delivering region-specific AI solutions to empower critical sectors like healthcare, education, agriculture, and governance.
- Ethical AI: Emphasizes ethical principles and inclusivity in its design.
- Distinction: Represents a significant step towards India’s self-reliance in AI, tailoring the technology to the unique requirements of its citizens.
Can Bharat Gen Compete with ChatGPT, Gemini, and Deepsync?
This is a nuanced question, and the answer depends on the context of “competition”:
Direct Competition:
- Yes, to some extent, especially in the Indian context: Bharat Gen is specifically designed to excel in Indian languages and cultural contexts. In scenarios where understanding local dialects, regional nuances, and cultural sensitivities is crucial—like providing healthcare advice in a remote Indian village’s local dialect—Bharat Gen aims to outperform global models like ChatGPT and Gemini. These global models might struggle with the sheer linguistic diversity and specific cultural references unique to India.
- No, not in every aspect: ChatGPT and Gemini benefit from massive datasets, immense research budgets, and a global user base. They may still be more robust for general knowledge, complex coding tasks, or very specific global topics. Bharat Gen’s initial focus is on the “Indian context,” so it might not immediately surpass them in broad, general-purpose AI tasks. Also, direct competition with Deepsync is limited, as their core functionalities differ (Deepsync is specialized in voice synthesis, while Bharat Gen is a broader LLM).
Bharat Gen’s Strengths (in the Indian Context):
- Deep Linguistic and Cultural Understanding: This is its biggest advantage. India’s linguistic diversity is unparalleled, and an indigenous model designed to grasp the subtleties of these languages will be far more effective.
- Ethical and Inclusive Approach: Its stated commitment to being rooted in Indian values and ethics sets it apart, fostering trust and relevance within the local populace.
- Government Backing and Integration: Government funding and planned integration into various ministries will accelerate its adoption in crucial sectors like healthcare, education, and governance.
- Data Sovereignty: Having an indigenous AI model addresses concerns related to data sovereignty and security for Indian data.
Challenges:
- Resources and Data: Developing and continually improving LLMs requires immense computational resources and vast, high-quality datasets. Bharat Gen will need sustained investment to match the scale of global players.
- Talent and Innovation: The AI field is highly competitive for talent. India will need to attract and retain top AI researchers and engineers.
- Rapid Evolution: AI technology is advancing at an incredibly fast pace. Bharat Gen must continuously innovate and adapt to remain competitive.
Conclusion
Bharat Gen’s objective isn’t necessarily to directly “outcompete” global general-purpose LLMs in every single aspect, but rather to provide a uniquely relevant, highly effective, and ethically grounded AI solution tailored for the Indian context and its diverse languages.
It’s highly probable that Bharat Gen will excel in specific Indian use-cases and government service applications, where its deep understanding of local languages and cultures gives it a significant edge. While global models will continue to serve their broader general-purpose roles, Bharat Gen aims to be a crucial and indispensable player in India’s AI landscape, fostering self-reliance and addressing the specific needs of its citizens