पीआईबी के अनुसार भारत के मुख्य न्यायाधीश, डीवाई चंद्रचूड़, कल 10 नवम्बर को आधिकारिक तौर पर सेवानिवृत्त हो जाएंगे। हालाँकि 8 नवम्बर को ही उनके कार्यकाल का अंतिम दिन था।
उनकी जगह न्यायमूर्ति संजीव खन्ना 51वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को कुछ ऐतिहासिक फैसलों के लिए हमेशा याद किया जाएगा। जिसमें अयोध्या भूमि विवाद, सहमति से समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना और अविवाहित महिलाओं के लिए गर्भपात का अधिकार जैसे फैसले शामिल हैं। ये फ़ैसले काफ़ी चर्चा में रहे हैं।
न्यायमूर्ति संजय खन्ना के बड़े फ़ैसले भी जानने योग्य –
केजरीवाल को अंतरिम ज़मानत
ईवीएम की जगह पेपर बैलट की मांग वाली याचिका खारिज
इलेक्टोरल बॉन्ड्स, आर्टिकल 370 पर फ़ैसले देने वाली पीठ का हिस्सा
सेंट्रल विस्टा जजमेंट में बेंच से अलग रुख़ अपनाया
चीफ जस्टिस के ऑफ़िस को आरटीआई में लाने वाली पीठ का हिस्सा
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को कुछ ऐतिहासिक फैसलों के लिए हमेशा याद किया जाएगा, जिसमें अयोध्या भूमि विवाद, सहमति से समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना, और अविवाहित महिलाओं के लिए गर्भपात का अधिकार जैसे फैसले शामिल हैं।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना 11 नवम्बर को भारत के 51वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के सम्मान में कल विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जहां न्यायिक सेवाओं से जुड़े विद्वानों, वरिष्ठ वकीलों और अन्य गणमान्य लोगों ने उनके कार्यकाल के दौरान लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों की सराहना की।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के कार्यकाल में अयोध्या भूमि विवाद, सहमति से समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना और अविवाहित महिलाओं के लिए गर्भपात का अधिकार जैसे ऐतिहासिक फैसले शामिल हैं।
जस्टिस खन्ना के पाँच बड़े फ़ैसले-
केजरीवाल को अंतरिम ज़मानत
ईवीएम की जगह पेपर बैलट की मांग वाली याचिका खारिज
इलेक्टोरल बॉन्ड्स, आर्टिकल 370 पर फ़ैसले देने वाली पीठ का हिस्सा
सेंट्रल विस्टा जजमेंट में बेंच से अलग रुख़ अपनाया
चीफ जस्टिस के ऑफ़िस को आरटीआई में लाने वाली पीठ का हिस्सा
नयायमूर्ति डीवाई चन्द्रचूड़ का क्या है पूरा नाम-
PIB Static
PIB स्थाई प्रेस विज्ञप्ति-
भारत के माननीय राष्ट्रपति ने 17 अक्टूबर, 2022 को डॉ. न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ की भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए वारंट पर हस्ताक्षर किए थें, और उनके नियुक्ति की अधिसूचना भारत सरकार के न्याय विभाग द्वारा जारी कर दी गई।
डॉ. न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ 09 नवम्बर 2022 को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार सँभाला।
जीवनी-
11 नवम्बर, 1959 को जन्मे न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने 20 जुलाई, 1982 को अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया। उन्होंने हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम और एसजेडी की डिग्री प्राप्त करने के बाद बॉम्बे बार में प्रवेश किया।
वे इससे पूर्व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके हैं। उन्हें 13 मई, 2016 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।
Early Life-
वे हार्वर्ड लॉ स्कूल, येल लॉ स्कूल, ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ विटवाटरसैंड, दक्षिण अफ्रीका में अतिथि व्याख्याता रहे हैं। उन्हें संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायोग, विश्व बैंक, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम, एशियाई विकास बैंक, और एशियाई संवैधानिक न्यायालयों के संघ सहित कई संगठनों में वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया है।
ऐतिहासिक फ़ैसले-
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अब तक अपने छह वर्षों के कार्यकाल में सर्वोच्च न्यायालय में कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं, जिनमें समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर करना, व्यभिचार को अपराध मुक्त करना, निजता को मौलिक अधिकार घोषित करना, और भारतीय संविधान के माध्यम से जाति और लिंग भेदभाव के खिलाफ लड़ाई शामिल हैं।
उनके फैसले, विशेष रूप से उनके महत्वपूर्ण असहमति वाले फैसले, संवैधानिक कानून, मानवाधिकार कानून, लैंगिक न्याय, आपराधिक कानून और श्रम कानून पर भारतीय न्यायशास्त्र को समृद्ध कर चुके हैं।
न्याय के प्रति उनकी दृष्टि और एक समान समाज का निर्माण, उनके न्यायाधीश बनने से पहले के दिनों से ही स्पष्ट था। बॉम्बे बार में वकील के रूप में कार्य करते हुए, उन्होंने गोपनीयता के अधिकार, एचआईवी-कार्यकर्ताओं के अधिकार, धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों के अधिकार जैसे कई मुद्दों के लिए लड़ाई लड़ी।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में, वे भारत की न्यायिक प्रणाली में डिजिटल परिवर्तन का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य न्याय तक पहुंच, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। ई-समिति ई-फाइलिंग, वर्चुअल कोर्ट, और एक राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड जैसी सेवाएं प्रदान कर रही है, जो खुले न्यायालयों के सिद्धांत को आगे बढ़ाने में सहायक हैं।
डॉ. न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ 10 नवम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
Chief Justice D.Y. Chandrachud, retiring on November 10, will be remembered for several landmark judgments in the country Photo- PIB