(पटना, 24 अक्तूबर, जितेन्द्र कुमार सिन्हा द्वारा प्रेषित)
राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने चित्रगुप्त पूजा पर दिया एकता और प्रगति का संदेश-
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के अध्यक्ष, राजीव रंजन प्रसाद ने भगवान चित्रगुप्त की पूजा के शुभ अवसर पर पटना के विभिन्न पूजा स्थलों का दौरा किया और श्रद्धासुमन अर्पित किए।
इस दौरान उन्होंने कायस्थ समुदाय से एकता, शिक्षा और संगठन के बल पर आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने दृढ़तापूर्वक कहा कि कायस्थ समाज इक्कीसवीं सदी की तमाम चुनौतियों को एक अवसर के रूप में बदल रहा है। उनका मानना था कि यह प्रतिस्पर्धा का युग है, जिसमें सशक्त और संगठित होकर ही समाज तथा राष्ट्र के निर्माण में महती भूमिका निभाई जा सकती है।
भगवान चित्रगुप्त की आराधना: केवल धर्म नहीं, सांस्कृतिक चेतना-
राजीव रंजन प्रसाद ने चित्रगुप्त पूजा के महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान मात्र नहीं है, बल्कि एक गहरी सांस्कृतिक चेतना है, जो हमें न्याय, ज्ञान और कर्म के मूल्यों से जोड़ती है। उन्होंने कायस्थ समुदाय के ऐतिहासिक योगदान पर प्रकाश डाला और बताया कि यह समाज पारंपरिक रूप से प्रशासन, शिक्षा, कला और पत्रकारिता जैसे क्षेत्रों में अग्रणी रहा है और आज भी देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
युवाओं को डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने का आह्वान-
राजीव रंजन प्रसाद ने विशेष रूप से कायस्थ युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि तकनीक, उच्च शिक्षा और आर्थिक विकास के इस दौर में उन्हें डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने ज़ोर दिया कि अब समय केवल अपनी महान परंपराओं का सम्मान करने का नहीं है, बल्कि उन्हें आधुनिक मूल्यों के साथ जोड़कर समय के साथ चलने का भी है।
जीकेसी का उद्देश्य: कायस्थ समाज का वैश्विक सशक्तीकरण-
इस अवसर पर राजीव रंजन प्रसाद ने ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के मुख्य उद्देश्य को साझा किया। उन्होंने बताया कि जीकेसी का लक्ष्य कायस्थ समाज को एक वैश्विक मंच प्रदान करना है, ताकि समुदाय के बौद्धिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक सुनियोजित ढंग से कार्य किया जा सके। उन्होंने पुन: दोहराया कि जब तक समाज संगठित नहीं होगा, तब तक वह राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में प्रभावी योगदान देने में सक्षम नहीं हो पाएगा।
विभिन्न पूजा पंडालों में जाकर श्रद्धालुओं से मुलाकात
राजीव रंजन प्रसाद ने अपनी यात्रा के दौरान पटना के कई प्रमुख चित्रगुप्त पूजा पंडालों, जिनमें अशोक नगर, मनोकामना मंदिर, इंदिरा नगर, हनुमान नगर, लोहानीपुर, दरियापुरगोला, कदमकुआं, रुकुनपुरा, बेउर, ठाकुरबाड़ी, अनिसाबाद, आशियाना नगर, श्रीकृष्णा नगर और किदवईपुरी शामिल हैं, में जाकर भक्तों से मुलाकात की और उन्हें पूजा की शुभकामनाएँ दीं। इस दौरान जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी भी उनके साथ उपस्थित रहे, जिन्होंने समाज की एकता और प्रगति के लिए सामूहिक संकल्प लिया।
निष्कर्ष: कायस्थ समाज परंपरा का संरक्षक और परिवर्तन का वाहक भी-
इस पूरे कार्यक्रम और राजीव रंजन प्रसाद के प्रेरक संदेश से यह बात स्पष्ट हुई कि इक्कीसवीं सदी का कायस्थ समाज केवल अपनी महान परंपराओं का संरक्षक नहीं है, बल्कि वह आधुनिक परिवर्तनों का वाहक भी है, जो हर चुनौती को अवसर में बदलकर समाज और राष्ट्र के चहुँमुखी विकास में अपनी भूमिका निभा रहा है। वक्ताओं ने यह भी दोहराया कि भगवान चित्रगुप्त न केवल कायस्थों के आराध्य हैं, बल्कि वे न्याय और सत्य के प्रतीक हैं, जिनकी शिक्षाएँ समाज में पारदर्शिता और समानता का भाव जगाती हैं।
Patna | Kayasthas are transforming the challenges of the 21st century into opportunities – Rajiv Ranjan Prasad
Patna Kayasthas are transforming the challenges of the 21st century into opportunities – Rajiv Ranjan Prasad
Patna Kayasthas transforming the challenges 21st century into opportunities – Rajiv Ranjan Prasad












