रक्सौल। अनिल कुमार।
मुख्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी से तस्करी नेटवर्क में मची खलबली
रक्सौल में दिसंबर 2024 में उजागर हुए बहुचर्चित 2.68 करोड़ रुपये की चाइनीज ई-सिगरेट तस्करी कांड में बड़ी सफलता मिली है। इस मामले में पुलिस ने दो मुख्य अभियुक्तों – मदन साह और लक्ष्मण प्रसाद – को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। हरैया थाना की टीम ने रक्सौल एसडीजीएम कोर्ट द्वारा जारी गैरजमानती वारंट के आधार पर दोनों को नाटकीय ढंग से धर दबोचा।
फर्जी दस्तावेजों के सहारे भेजी जा रही थी ई-सिगरेट की खेप
यह मामला तब सामने आया था जब रक्सौल रेलवे स्टेशन से दिल्ली भेजे जा रहे एक पार्सल को कस्टम विभाग ने जांच के दौरान पकड़ा था। उस पार्सल में भारी मात्रा में प्रतिबंधित चाइनीज ई-सिगरेट छुपायी गई थी, जिसे कॉस्मेटिक्स सामान के तौर पर बुक किया गया था। कस्टम विभाग को इसकी गुप्त सूचना पहले ही मिल चुकी थी, जिसके बाद उन्होंने प्लेटफॉर्म पर छापा मारा और सिगरेट की खेप जब्त की।
कस्टम और जीआरपी आमने-सामने, पुलिस पर उठे थे सवाल
इस कार्रवाई के दौरान कस्टम अधिकारियों और रक्सौल जीआरपी के बीच तीखी बहस हो गई थी। जीआरपी प्रभारी ने दबाव बनाते हुए कस्टम टीम को तकरीबन चार घंटे तक थाने में बैठाए रखा था। वहीं मुख्य आरोपी ने मीडिया के सामने झूठा बयान दिया था कि उसने कस्टम सुपरिटेंडेंट को डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत दी थी। इस आरोप ने पुलिस और कस्टम के बीच विवाद को और बढ़ा दिया था, जिसके बाद जीआरपी की भूमिका पर कई सवाल उठे और वह बैकफुट पर आ गई।
कस्टम ने दर्ज की थी स्वतंत्र प्राथमिकी, आरोपी थे फरार
कस्टम विभाग ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वतंत्र प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। आरोपी लंबे समय से फरार चल रहे थे और लगातार पुलिस और कस्टम की पकड़ से बाहर थे। लेकिन हरैया थाना की तत्परता ने इस मामले में अहम मोड़ ला दिया।
सीबीआई ने की थी स्टेशन कर्मियों की पूछताछ, अब जांच होगी और तेज
इस मामले में एक सप्ताह पहले ही रक्सौल स्टेशन के पार्सल अधीक्षक और बुकिंग क्लर्क को सीबीआई ने हिरासत में लिया था। उन पर सामानों की हेराफेरी और तस्करों से सांठगांठ के गंभीर आरोप हैं। अब मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी से इस गिरोह के कई और राज उजागर होने की उम्मीद है।
सीमावर्ती इलाके में सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, नेटवर्क की गहराई से जांच शुरू
दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय अन्य तस्करी गिरोहों में हड़कंप मच गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच तेज कर दी है। यह मामला तस्करी और प्रशासनिक मिलीभगत का बड़ा उदाहरण बनकर उभरा है, जिससे यह साफ है कि तस्करों को भीतर से संरक्षण मिल रहा था।
फ़ोटो कैप्शन:
2.68 करोड़ की चाइनीज सिगरेट तस्करी मामले में गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी। सीमा क्षेत्र में मची हलचल।
Motihari | Raxaul| Two Key Accused Arrested in ₹2.68 Crore Chinese E-Cigarette Smuggling Case via Railway Parcel