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Saturday, November 8, 2025
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नालंदा के कमलेश को “बावन बूटी” कला के लिए राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार, बिहार की पहली उपलब्धि

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SHABD,भागलपुर, August 2,

राष्ट्रपति 7 अगस्त को दिल्ली में करेंगी सम्मानित-

बिहार के बुनकर कमलेश कुमार को बावन बूटी कला के लिए राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार मिलेगा, राष्ट्रपति 7 अगस्त को दिल्ली में करेंगी सम्मानित, राज्य के लिए पहली उपलब्धि।

कमलेश कुमार नालंदा जिले के सिलाव नेपुरा गांव निवासी पारंपरिक हथकरघा बुनकर हैं।राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार के लिए इनका नाम बिहार के भागलपुर स्थित बुनकर सेवा केंद्र द्वारा अनुशंसित किया गया है।

02 अगस्त, कंचनगढ़ , बरारी (भागलपुर, बिहार): 

बिहार के भागलपुर स्थित बुनकर सेवा केंद्र द्वारा अनुशंसित और नालंदा जिले के सिलाव नेपुरा गांव निवासी पारंपरिक हथकरघा बुनकर कमलेश कुमार को राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है।

यह पुरस्कार भारत सरकार के हथकरघा विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा उत्कृष्ट शिल्प कौशल और पारंपरिक बावन बूटी साड़ी बुनाई के लिए प्रदान किया जाता है।

कमलेश कुमार का चयन बिहार की समृद्ध लेकिन अपेक्षाकृत अज्ञात हथकरघा परंपरा—विशेष रूप से बावन बूटी बुनाई—को राष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। एक कुशल कारीगर के रूप में उन्होंने इस विलुप्त होती वस्त्र कला के संरक्षण और संवर्धन को जीवन का उद्देश्य बना लिया है।

7 अगस्त को होगा सम्मानित

कमलेश कुमार को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार 7 अगस्त 2025 को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह के अवसर पर भारत के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाएगा। यह सम्मान न केवल कमलेश कुमार की कला को मान्यता देता है, बल्कि बिहार के बुनकर समुदाय के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा।

कला विरासत में मिली, संघर्षों से मिला सम्मान

कमलेश कुमार ने बताया कि उन्हें यह कला पैतृक विरासत में मिली है। बचपन से ही वे अपने पिता के साथ हथकरघा पर काम करते थे। आर्थिक तंगी के कारण उन्हें पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी, लेकिन उन्होंने बुनाई के कार्य को ही जीवन का रास्ता बनाया। उन्होंने साड़ियों पर बिहार की सांस्कृतिक पहचान से जुड़े प्रतीकों—जैसे राजगीर का शांति स्तूप, पीपल के पत्ते, धर्म चक्र, शंख, बट वृक्ष, और बुद्ध की मूर्ति—को बारीकी से उकेरने का कार्य किया, जो उनके अद्वितीय योगदान का आधार बना।

वे निफ्ट पटना सहित देश के कई संस्थानों में बावन बूटी कला के प्रशिक्षण कार्य से भी जुड़े हुए हैं।

पहली बार बिहार के बुनकर को सम्मान

बुनकर सेवा केंद्र, भागलपुर के उपनिदेशक राजेश चटर्जी ने बताया –

“यह पहला अवसर है जब बिहार के किसी बुनकर को इस राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। यह उपलब्धि राज्य के बुनकर समुदाय की कला को नया जीवन और नई पहचान देने में सहायक होगी।”

कमलेश कुमार ने इस उपलब्धि के लिए भारत सरकार और बुनकर सेवा केंद्र, भागलपुर के प्रति विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया है।

बाइट – बुनकर कमलेश कुमार

बाइट – उपनिदेशक राजेश चटर्जी

Caption :

बिहार के बुनकर कमलेश कुमार को बावन बूटी कला के लिए राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार मिलेगा, राष्ट्रपति 7 अगस्त को दिल्ली में करेंगे सम्मानित, राज्य के लिए पहली उपलब्धि।

Bhagalpur |Kamlesh of Nalanda District in Bihar selected for National Handloom Award for Bawan Buti Art

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