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Tuesday, July 22, 2025
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इंस्पेक्टर मनोज की सूझबूझ से इंटर की छात्रा मुक्त, मानव तस्कर अरमान शेख के बड़े नेटवर्क का खुलासा

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Motihari Latest news| Indo-Nepal Border| Raxaul| अनिल कुमार|

17 साल की लड़की को मुंबई से सुरक्षित रेस्क्यू किया गया

औरंगाबाद (बिहार) की 17 वर्षीय इंटर की छात्रा, जो 21 जून 2025 को रहस्यमय हालात में लापता हो गई थी, उसे 18 जुलाई की सुबह करीब 3 बजे नवी मुंबई से एक मानव तस्करी के गिरोह के चंगुल से सकुशल आज़ाद करवाया गया।

इस साहसी अभियान का नेतृत्व इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा ने किया। उन्होंने सूझबूझ और तेज़ कार्रवाई से न केवल लड़की को बचाया बल्कि एक बड़े अपराध के नेटवर्क का भी खुलासा किया।

घटना की शुरुआत:

लापता होने की सूचना और शुरुआती जांच

लड़की के पिता ने परेशान होकर उप कमांडेट श्री सतीश गुप्ता से संपर्क किया। इसके बाद इंस्पेक्टर मनोज शर्मा को इस मामले की जानकारी दी गई। मोबाइल डाटा जांच में एक संदिग्ध नंबर मिला, जिससे लड़की संपर्क में थी।

जांच में हुए अहम खुलासे:

मानव तस्करी का पूरा जाल सामने आया

जांच में उस नंबर का संबंध मोहम्मद काजल मेहबूब मुल्ला (महाराष्ट्र निवासी) से निकला। आगे एक और नाम – मोहम्मद आर. अरमान शेख सामने आया, जो सोशल मीडिया के जरिए मासूम लड़कियों को फंसा कर उन्हें शोषण और तस्करी के लिए तैयार करता था।

“मिशन निर्भया” का संचालन:

संयुक्त टीम और खुफिया निगरानी से मिली सफलता

इस खतरनाक रैकेट को पकड़ने के लिए एक विशेष अभियान “मिशन निर्भया” शुरू किया गया। इसमें दिल्ली से राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य श्री प्रियंक कानूनगो, मिशन मुक्ति फाउंडेशन के विरेन्द्र कुमार सिंह, मुंबई की क्राइम ब्रांच और कई अन्य अधिकारी शामिल हुए।

लगातार साइबर ट्रैकिंग और निगरानी के बाद, नवी मुंबई के एक ठिकाने की पहचान हुई। 18 जुलाई को तड़के 3 बजे टीम ने वहां छापा मारा और लड़की को सुरक्षित बाहर निकाला।

रेस्क्यू के बाद की कार्रवाई:

लड़की अब महिला संरक्षण गृह में सुरक्षित

बचाव के बाद पीड़िता को फिलहाल मुंबई के महिला संरक्षण गृह में रखा गया है। बिहार पुलिस की टीम लड़की को लेने मुंबई रवाना हो चुकी है।

महत्वपूर्ण सीख और अपील:

सोशल मीडिया से रहें सतर्क

यह घटना बताती है कि कैसे सोशल मीडिया के ज़रिए लड़कियों को बहला-फुसलाकर तस्करी के जाल में फंसाया जाता है। ऐसे मामलों में सतर्क रहना और बच्चों को सजग बनाना बेहद ज़रूरी है।

इन लोगों ने निभाई अहम भूमिका:

  1. प्रियंक कानूनगो – सदस्य, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
  2. इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा – आसूचना शाखा, असम
  3. वीरेन्द्र कुमार सिंह – निदेशक, मिशन मुक्ति फाउंडेशन
  4. वैशाली गोरदे देओघ्रे – पुलिस निरीक्षक, क्राइम ब्रांच ठाणे
  5. त्रिवेणी आचार्य – रेस्क्यू फाउंडेशन
  6. मुंबई क्राइम ब्रांच और नेवाली नाका पुलिस टीम

निष्कर्ष:
इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा और टीम की चुस्ती, सतर्कता और टीमवर्क ने एक मासूम बच्ची की जान बचाई और एक खतरनाक मानव तस्करी गिरोह की पोल खोल दी। यह मिशन हर उस लड़की के लिए उम्मीद की किरण है जो मुश्किल में फंसी हो।

Motihari | Raxaul | Inter student rescued due to Inspector Manoj Sharma’s prudence, large human trafficking network of Armaan Sheikh exposed.

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