जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 10 सितम्बर ::
भक्ति और लोकसंगीत के संग समा बंधा–
गयाजी में चल रहे पितृपक्ष मेला में भक्ति और आस्था का अनूठा संगम देखने को मिला। इस भव्य आयोजन में जब लोकगीत और भजनों की मधुर ध्वनि गूंजी, तो वातावरण और भी भावुक और भक्तिमय हो गया। जिला प्रशासन और कला-संस्कृति विभाग की ओर से इस वर्ष स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान करने की खास पहल की गई। इसी क्रम में चर्चित लोकगायक मुन्ना पंडित देवराज ने अपनी प्रस्तुति से श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।
टेंट सिटी में भक्ति से सराबोर संध्या–
गांधी मैदान स्थित टेंट सिटी में आयोजित सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत गहन श्रद्धा व आस्था के बीच हुई। मंच पर आते ही मुन्ना पंडित ने पहला गीत प्रस्तुत किया, जिसे सुनकर पूरा पंडाल भक्तिरस में डूब गया। श्रोता जयकारों और तालियों की गड़गड़ाहट से लगातार कलाकार का उत्साह बढ़ाते रहे।
लोकगीतों ने छुआ दिल और मन–
पहली प्रस्तुति के बाद उन्होंने दूसरा लोकगीत गाया, जिसने जीवन की सच्चाइयों और मानवीय भावनाओं को उजागर किया। यह गीत श्रोताओं को गहरे चिंतन में भी ले गया और उपस्थित लोग पूरे भाव से प्रस्तुति का आनंद उठाते रहे।
स्थानीय कलाकारों को मिला बड़ा मंच–
हर साल की तरह इस वर्ष भी लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से पितृपक्ष मेला में पिंडदान के लिए गयाजी पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं के लिए न सिर्फ धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। खास बात यह रही कि नए और स्थानीय कलाकारों को भी मंच देकर उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान किया गया।
कलाकार की भावनाएं–
अपनी शानदार प्रस्तुति के बाद मुन्ना पंडित ने कहा कि यह उनके जीवन का गर्वपूर्ण क्षण है कि उन्हें पितृपक्ष मेले जैसे विश्वस्तरीय आयोजन में गीत प्रस्तुत करने का अवसर मिला। उन्होंने प्रशासन और कला-संस्कृति विभाग के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह अवसर किसी भी कलाकार के लिए गौरव की बात है।
पितृपक्ष मेला: आस्था और संस्कृति का संगम–
पितृपक्ष मेला न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि यह अब बिहार की सांस्कृतिक पहचान का भी प्रतीक बन चुका है। यहां प्रस्तुत किए गए लोकगीत और भजन जनता के दिलों को छू जाते हैं और उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ते हैं।
संभावनाओं का प्रमाण बनी प्रस्तुति–
गांधी मैदान की यह संध्या साबित करती है कि स्थानीय कलाकारों में असीमित प्रतिभा है। मुन्ना पंडित उर्फ देवराज मुन्ना जैसे कलाकार जब मंच पर आते हैं, तो कला और आस्था का अद्भुत संगम दिखाई देता है। उनकी प्रस्तुति ने इस वर्ष के पितृपक्ष मेले को और भी यादगार बना दिया और यह संदेश दिया कि अवसर मिलने पर स्थानीय कलाकार वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान स्थापित करने की क्षमता रखते हैं।
Patna | Pitra Paksha Fair Resonates with Folk Songs and Bhajans, Singer Munna Pandit Devaraj Delivers a Splendid Performance