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नंदलाल बसु के जन्मदिन पर विशेष..!
By Deshwani | Publish Date: 3/12/2019 10:09:07 AM
नंदलाल बसु के जन्मदिन पर विशेष..!

कोलकाता। सिद्धार्थ शंकर। शांतिनिकेतन। एक कलाकार अपनी कला से सृष्टि के नए आयामों को गढ़ता है। कलाकार की कलाकृतियों में उसके मनोभावों की उन तमाम आकृतियों को एक नया आयाम,एक नई दृष्टि मिलती है जिसे देखने का नजरिया आम दृष्टि में नहीं होती। बिहार के मुंगेर जिले के अंतर्गत हवेली खड़गपुर में 3 दिसंबर सन को ऐसे ही कलाकार का जन्म हुआ जिसने आगे चलकर विश्वकला के बड़े फलक पर भारत के श्रेष्ठता की दावेदारी को काफी मजबूती के साथ प्रस्तुत किया।नंदलाल बसु बचपन से ही रंगों और कुचियों में अपना जीवन जीने लगे थे आकादमी शिक्षा में उनका मन उतना नहीं रमता जितना कि कागजों पर आड़ी-टेढ़ी लकीरों को खींच कर उन्हें संतुष्टि मिलती थी। पर किसे पता था कि भविष्य में यही लड़का आगे चल कर भारत के संविधान को अपने चित्रों के माध्यम से सुशोभित करेगा।

 
 
नंदलाल बसु पर कई लोगों ने कई किताबें लिखी जो उनकी कलाधर्मिता को व्याख्यायित करती है। पर इन तमाम चीजों के इतर आज हम उस पहलू पर भी गौर करेंगे जो उनके कार्यक्षेत्र शांतिनिकेतन से जुड़ा है। नंदलाल बसु वर्षों तक शांतिनिकेतन में बतौर कला के शिक्षक रहे थे।। आज भी कला भवन के थोड़ी ही दूर पर नंद नाम से उनका आवास स्थित है। आचार्य बसु के कला के प्रति योगदान को आज भी शांतिनिकेतन यथावत जीवंत रखे हुए है। हर वर्ष कला भवन के द्वारा 1-2 दिसंबर को नंदन मेला का आयोजन किया जाता है जहाँ पर कला भवन के होनहार छात्र अपने प्रतिभा कौशल का बेजोड़ प्रदर्शन करते हैं। 
 
 
नंदलाल बसु की स्मृति में किया जाने वाला यह आयोजन काफी कलात्मक काफी भव्य होता है। इसकी तैयारी काफी दिनों से चलती है। गीत-संगीत,चित्रकला प्रदर्शन, मूर्तियों की प्रदर्शनी और क्षेत्रीय व्यंजनों के स्टॉल यहाँ का मुख्य आकर्षण होता है। हजारों की संख्या में पर्यटक,छात्र और शिक्षक इस मेले का आनंद लेते हुए कला के प्रति अपनी समझ को विकसित करते हैं। आज कूची के जादूगर नंदलाल बसु का जन्मदिन है और ऐसे मौके पर कला भवन में आयोजित इस साल की कुछ तस्वीरें इस आयोजन के भव्यता की गवाह है।
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