आमदनी छिपा कर आयकर चोरी करने के मामले में डॉ हेमंत नारायण, उनकी पत्नी के ठिकानों पर पड़ा इनकम टैक्स का छापा
रांची। आयकर विभाग ने गुरुवार को रांची में जाने-माने हृदय राेग विशेषज्ञ डॉ हेमंत नारायण, उनकी पत्नी डॉ गीता कुमारी सहित छह डॉक्टरों के अलावा एक डायग्नोस्टिक सेंटर से जुड़े ठिकानों पर सर्वे शुरू किया। सर्वे के दायरे में शामिल चार डॉक्टर व एक डायग्नोस्टिक सेंटर जमशेदपुर के हैं। इन डॉक्टरों द्वारा वास्तविक आमदनी छिपा कर आयकर की चोरी करने के आरोप में यह कार्रवाई हुई। आयकर संयुक्त आयुक्त निशा उरांव के निर्देश पर आयकर उपायुक्त प्रदीप डुंगडुंग के नेतृत्व में अफसरों ने रिम्स के डॉ हेमंत नारायण के बरियातू स्थित क्लिनिक में सर्वे शुरू किया।
वह बरियातू में पेट्रोल पंप के बगल स्थित एक मकान में निजी प्रैक्टिस करते हैं। हालांकि वहां उनके नाम का कोई बोर्ड आदि नहीं लगा है, क्योंकि रिम्स में पदस्थापित डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं है। राज्य सरकार रिम्स के डॉक्टरों काे नन प्रैक्टिसिंग अलाउंस देती है। हेमंत नारायण अपनी निजी क्लिनिक में मरीजों के देखने के लिए 1500 रुपये प्रति मरीज के हिसाब से फीस लेते हैं।
पर वह अपने आयकर रिटर्न में सिर्फ वेतन से हाेनेवाली आय का ही उल्लेख करते हैं। किसी अन्य स्राेत से हाेनेवाली आमदनी का उल्लेख नहीं करते। अब आयकर अधिकारी डॉ हेमंत नारायण की क्लिनिक से मिले दस्तावेजाें की जांच कर रहे हैं, ताकि उनकी वास्तविक आमदनी का सही-सही पता लगाया जा सके। आयकर विभाग की टीम ने डॉ हेमंत की पत्नी डॉ गीता कुमारी के अशोकनगर (रांची) स्थित आवासीय क्लिनिक में भी सर्वे शुरू किया। अधिकारियों का एक दल यहां मिले दस्तावेजों की जांच कर रहा है।
जमशेदपुर आयकर अधिकारियों ने आयकर अपर आयुक्त प्रवीण किशोर के निर्देश पर आयकर उपायुक्त रंजीत मधुकर के नेतृत्व जमशेदपुर के डॉक्टरों के ठिकानों और डायग्नोस्टिक सेंटर पर सर्वे शुरू हुआ। आयकर अधिकारियों के दल ने डॉ एससी दास, डॉ दीपा घोष, डॉ उनमेश टुकटुके और डॉ राजेश सिंह की क्लिनिक में सर्वे शुरू किया। इसके अलावा मेडिटेक डायग्नोस्टिक के बिष्टुपुर और मानगो स्थित ठिकानों पर भी सर्वे शुरू किया। डॉ दास चाइल्ड स्पेशलिस्ट हैं।
डॉ दीपा महिला रोग विशेषज्ञ, डॉ टुकटुके फिजिशियन और डॉ राजेश हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं। आयकर विभाग को इस बात की सूचना मिली थी कि इन डॉक्टरों द्वारा आयकर रिटर्न में अपनी आमदनी का गलत ब्योरा दिया जा रहा है। आयकर अधिकारियों का दल इन डॉक्टरों की क्लिनिक में रखे गये आय-व्यय के ब्योरे से संबंधित दस्तावेज की जांच कर रहा है। डायग्नोस्टिक सेंटर के दस्तावेज की जांच के दौरान इस बात की जानकारी मिली है कि सेंटर के मालिक द्वारा सिर्फ आठ से 10 प्रतिशत ही मुनाफा दिखाया जाता है। आयकर विभाग का मानना है कि डायग्नोस्टिक सेंटर में 20-30 प्रतिशत तक मुनाफा होता है।