गोरखपुर, (हि.स.)। सोमवार की रात में अचानक मौसम बदलने से लोगों को राहत मिली लेकिन अंधड़ से लोगों की सांस थमीं रही। अभी किसी अप्रिय घटना की जानकारी नहीं है। हालांकि कइयों के फूस के मकान और टीन शेड उड़ गए। गोरखपुर मंडल के लगभग सभी जिलों में यही हालत रहे। कुशीनगर, महराजगंज और देवरिया में भी इसका असर रहा।
पिछले पांच दिनों से गर्मी ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया था। भगवान भाष्कर भी लोगों पर रहम नहीं कर रहे थे लेकिन सोमवार की आधी रात आई बरसात से सबको रहत मिली है। आधी रात के बाद लोगों ने अच्छी नींद ली। हालांकि बरसात के साथ आई आंधी ने लोगों को डराये रखा। यह इतनी तेज थी कि कइयों के फूस और टीन शेड से बना घर उड़ गया। सुबह से ही लोग अपने गिरे घरों को संवारने में जुटे हैं।
महानगर क्षेत्र में सोए लोगों को आंधी ने जगाया। बरसात संग शुरू हुई आंधी आने से बंद हुई विद्युत आपूर्ति ने लोगों को सांसत में डाला। इधर आंधी ने भी उन्हें डराये रखा। छावनी क्षेत्र में हालात ऐसे थे कि लोग इस आशंका में रहे कि कहीं उनका मकान ही न गिर जाए। यहां की रजनी शर्मा, अशोक कुमार, दीनानाथ आदि का कहना है कि लगा रहा था कि मकान ही गिर जायेगा। रजनी की मानें तो उसने अपने जीवन में ऐसा बवंडर नहीं देखा है। आंधी के साथ बारिश शुरू होने से दुर्घटना की आशंका से सड़कों पर यातायात थम सा गया।
पिपराइच, कैम्पियरगंज, गोला, चौरीचौरा, बांसगांव आदि क्षेत्रों में भी कमोबेश ऐसी ही हालात रही। धूल भरी आंधी से पूरा क़स्बा सहम रहा। पिपराइच के अगल बगल के तकरीबन सभी गांवों में विद्युत आपूर्ति बंद कर दी गयी। बादलों की गर्जना और बिजली की चमक के बीच लोग एक-दूसरे के मकान निहारते रहे। भगवान से सभी के कुशल-क्षेम की कामना करते रहे। करीब एक घंटे तक चली आंधी से आसमान में रेत के गुब्बार छाए रहे। इसके बाद शुरू हुई तेज बारिश ने मौसम को ठंडा किया और तब जाकर लोगों ने राहत की सांस भी ली।