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बिहार
व्यापार के रूप में विद्यालय चलाना गलत, निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए बिहार में बना कानून
By Deshwani | Publish Date: 18/2/2019 8:14:42 PM
व्यापार के रूप में विद्यालय चलाना गलत, निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए बिहार में बना कानून

पटना।
 
निजी स्कूलों की हर साल बेतहाशा शुल्क वृद्धि व उनकी मनमानी को रोकने के लिए बिहार में नया कानून बनाया गया है। विधान मंडल से बिहार निजी विद्यालय (शुल्क विनियमन) विधेयक, 2019  सोमवार को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। हालांकि विधान परिषद में कांग्रेस सदस्य विधेयक का विरोध किया। बावयूद इसके विधेयक पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अभिभावकों की शिकायतें मिल रही थी। बताया कि हाई कोर्ट के निर्देश पर नया कानून लाया गया है।
 
 
इसके पूर्व विधान परिषद में कांग्रेस के सदस्य प्रेमचंद मिश्र ने यह कहते हुए विधेयक का विरोध किया कि नए कानून के माध्यम से सरकार निजी स्कूलों पर अंकुश लगाने व उसमें हस्तक्षेप का प्रयास कर रही है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी स्कूलों पर नया कानून हाई कोर्ट के निर्देश पर बनाया गया। ऐसे स्कूल हर साल अपनी फीस बढ़ाते रहे हैं। अभिभावकों की शिकयतें भी मिल रही थीं। व्यापार के रूप में स्कूलों को चलाना गलत है। ऐसे संस्थान भी सरकार के अधीन ही होते हैं।
 

कहा कि अब इन स्कूलों में एयरकंडीशन लगा होता है। स्कूल जाने वाले बसों में भी एसी लगा होता है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे यदि आगे आईएएस, आईपीएस बनते भी हैं तो वे कैसे लोक सेवक का काम करेंगे। अफसरों को तो ठंड-गर्मी दोनों को बर्दाश्त कर काम करना होता है। स्कूलों में एसी तो रखना ही नहीं चाहिए। पर्यावरण का ध्यान रखना चाहिए। यूपीए सरकार ने ही इन स्कूलों के लिए 25 प्रतिशत स्थान गरीब बच्चों के लिए आरक्षित किया था।लेकिन इस पर प्राइवेट स्कूल अमल नहीं कर रहे हैं। सरकार खुद शिक्षा पर 34 हजार करोड़ खर्च कर रही है। मुख्यमंत्री श्री कुमार ने चेताया कि ये स्कूल एक सीमा में रहें, मनमाना हरकत ना करें, इसलिए बिल लाया गया।
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