नेपाल की मधेशी बहुल प्रांतीय सभा के सदस्यों ने हिंदी, मैथिली और भोजपुरी में शपथ ली
काठमांडू, (हि.स.)। पड़ोसी देश नेपाल में रविवार को सभी 7 राज्यों के प्रतिनिधि सभाओं के नवनिर्वाचित सदस्यों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। लेकिन मधेशी बहुल आठ सीमावर्ती जिलों के प्रांत संख्या दो के 83 प्रतिनिधियों ने हिंदी, मैथिली और भोजपुरी में शपथ ली।
विदित हो कि नेपाल की राष्ट्रभाषा नेपाली है और वहां की परंपरा नेपाली भाषा में ही शपथ लेने की है, लेकिन नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों ने नेपाली भाषा में शपथ ग्रहण करने से इनकार कर दिया। इसके बाद प्रांत संख्या दो के प्रतिनिधियों को अपनी मातृभाषा में शपथ ग्रहण करने दिया गया। कुल 107 सदस्यों ने शपथ ली जिनमें 47 लोगों ने मैथिली, 25 ने भोजपुरी, 11 ने हिंदी में शपथ ली, जबकि 24 सांसदों ने नेपाली भाषा में शपथ ग्रहण किया।
समाचार पत्र काठमांडू पोस्ट के अनुसार, शपथ ग्रहण के बाद धानुषा सीडीओ दिलीप कुमार ने शपथ लेने वाले सांसदों से आग्रह किया कि वे नेपाली भाषा में ही दस्तखत करें, लेकिन नवनिर्वाचित सांसदों ने उनकी सलाह नहीं मानी और अपनी-अपनी मातृभाषा में ही हस्ताक्षर किया। सांसद जगत यादव ने कहा, "हमारा देश अब संघीय व्यवस्था वाला देश है, लेकिन सरकार अभी भी एकल भाषा को ही लेकर चल रही है।"
यह शपथ ग्रहण समारोह हर प्रदेश की अस्थायी राजधानी में आयोजित किया गया था। स्थानीय कानून के अनुसार, राज्य के गवर्नर प्रांतीय विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य को पद की शपथ दिलाते हैं, इसके बाद वह निर्वाचित वरिष्ठ सदस्य प्रांतीय संसद में अन्य सांसदों को शपथ ग्रहण कराते हैं। वरिष्ठतम सदस्य तब तक स्पीकर की भूमिका में होते हैं जब तक प्रांतीय विधानसभा का गठन नहीं हो जाता है।
राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने शुक्रवार को सातों राज्यों के राज्यपालों को शपथ दिलाई। इसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें नव निर्वाचित सदस्यों की सूची सौंपी थी।