राष्ट्रीय
बजरी खनन के मामले में राजस्थान को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं
By Deshwani | Publish Date: 8/1/2018 2:06:05 PMनई दिल्ली (हि.स.)। राजस्थान में बजरी खनन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अभी छह सप्ताह का समय दिया है। कोर्ट छह सप्ताह बाद मामले पर सुनवाई करेगा। अभी बजरी खनन छह सप्ताह और बंद रहेगा।
पिछले 16 नवंबर को राजस्थान में बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। बजरी खान मालिकों की आठ याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि बिना पर्यावरण मंजूरी के बजरी खनन नहीं की जा सकती है। पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी के बाद ही खनन संभव है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजस्थान में बजरी या बालू के खनन को लेकर जो कुछ भी हो रहा है, वह भयावह है। अगर सालों से नहीं तो महीनों से बिना एनवायरमेंट क्लियरेंस या बिना किसी वैज्ञानिक अध्ययन के 82 लीजधारकों द्वारा अंधाधुंध खनन हो रहा है। कोर्ट ने पर्यावरण मंत्रालय को भी बेपरवाह बताया। कोर्ट ने कहा था कि ये भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि राज्य सरकार खनन करनेवालों के साथ मिली हुई है और बजरी खनन की खुली छुट मिली हुई है। कोर्ट ने कहा था कि जब तक राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव इन आरोपों के बारे में हलफनामा नहीं देते खनन को रोक दिया जाए।
कोर्ट ने राजस्थान सरकार को आदेश दिया है कि बजरी खनन पर रोक सुनिश्चित करें। सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बजरी लीजों को बंद करने का आदेश दिया है। राजस्थान में बजरी की 82 बड़ी लीजें थीं जो अस्थाई वर्क परमिट पर काम कर रही थीं।