चंपावत । नेपाल से उत्तराखंड के रास्ते मानव तस्करी करने वाले अंतर्राष्ट्रीय गिरोह लगातार मानव तस्करी को अंजाम दे रहे हैं। नेपाल मानव तस्करी का गढ़ बना हुआ है। जबकि नेपाल की सीमा से लगता उत्तराखंड मानव तस्करी के लिए साफ्ट कॉरिडोर साबित हो रहा है। बताते चले कि भारत और नेपाल के बीच मैत्री संबंध प्रगाढ़ हैं। दोनों देशों के बीच की लगभग 150 किमी की अंतर्राष्ट्रीय सीमा खुली है। खुली सीमा और संबंधों का फायदा मानव तस्कर जमकर उठा रहे हैं। नेपाल से बड़े पैमाने पर नौकरी दिलाने के नाम पर लड़कियों को लेकर जाया जाता है और बाद में उन्हें अरब देशों में बेच दिया जाता है। उत्तराखंड में भी लंबे समय से लड़कियों की खरीद-फरोख्त के कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है। बनबसा क्षेत्र नेपाल सीमा से जुड़ा होने के कारण बेहद संवेदनशील है। यहां से तस्कर खुली सीमा का फायदा उठाते हैं।
मानव तस्कर नौकरी के नाम पर लड़कियों को दिल्ली, दुबई, इराक ले जाते हैं। उत्तराखंड का रास्ता मानव तस्करों के लिए मुफीद साबित हो रहा है। भारी चैकसी वाले बनबसा बॉर्डर जहां नेपाल क्षेत्र में कई गैर सरकारी संगठन, सीमा प्रहरी दल तैनात हैं। वहीं, भारत में एसएसबी, मानव-तस्करी निरोधक इकाई तैनात हैं। तस्कर इन रास्तों से भी मानव तस्करी कर रहे हैं। ऐसे हालात में ब्रह्मदेव मंडी, जौलजीवी, झूलाघाट, बूम, पंचेश्वर, मेलाघाट, धारचूला जैसे कम निगरानी वाले रास्तों से होने वाली मानव-तस्करी का अंदाजा लगाया जा सकता है। बीते साल 25 अप्रैल 2016 को विनाशकारी भूकंप आने के बाद नेपाल में मानव तस्करी में इजाफा हुआ है। हजारों लोगों के मरने और बेघर होने के बाद नेपाल में भूखमरी जैसे हालात पैदा हो गए थे। इसका फायदा मानव तस्करों ने जमकर उठाया। उन्होंने खुली सीमा के जरिए लड़कियों को अरब देशों में भेजा। नेपाल के अंदरूनी इलाकों में हजारों नाबालिगों को काम दिलाने के नाम पर डांस बार में धकेला जाता था।
मानव तस्करी को रोकने के लिए भारत और नेपाल में विभिन्न संस्थाएं काम कर रही हैं। लेकिन मानव तस्करी पर विराम नहीं लग पा रहा है। बल्कि मानव तस्करी में पहले से इजाफा हुआ है। नेपाल में अशिक्षा, गरीबी है। जिस कारण युवतियां आकर्षक रोजगार के नाम पर झांसे में फंस जाती हैं। प्रलोभन में पड़कर लड़कियों को नेपाल से भारत में बेचा जाता है। मानव तस्करी में संलिप्त दलाल खुली सीमा का फायदा उठाकर देह व्यापार करते हैं। इस रास्ते अभी तक दिल्ली, मुंबई, हरियाणा, पंजाब, कुवैत, दुबई, सऊदी अरब, कतार, मलेशिया लड़कियां भेजी जा चुकी हंै। इस बारे में पूछे जाने पर बनबसा में प्रभारी एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल प्रभारी मंजू पांडेय ने कहा कि नेपाल से मानव तस्करी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। मानव तस्करी रोकने के लिए काम करने वाले भारती की रीड्स संस्था और नेपाल की माईती संस्था से सहयोग लेकर कार्य किया जाता है। उन्होंने बताया कि अभियान चलाकर संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जाती है।