नई दिल्ली, (हि.स.)। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद् ने शुक्रवार को कम्पोजिशन स्कीम के तहत तय सीमा को 75 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ कर दिया है। वहीं त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करने वाले व्यापारियों के टर्नऑवर की सीमा को 1 करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ कर दिया है।
कम्पोजिशन योजना के तहत व्यापारियों को 1 से 5 प्रतिशत की तय दर से कर चुकाना होता है। परिषद् की बैठक के बाद वित्तमंत्री जेटली ने कहा, ‘‘एक करोड़ से कम वाला कम्पोजिशन स्कीम में जा सकता है और 1.5 करोड़ वाला त्रैमासिक रिटर्न में जा सकता है।’’
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी के पैटर्न को देखने से पता चलता है कि ज्यादातर कर संग्रहण करीब 94 से 95 प्रतिशत बड़े व्यापारियों से होता है। वहीं जो छोटे व्यापारी हैं, उन पर कर का दवाब तो कम है लेकिन प्रक्रिया का दवाब ज्यादा है। ऐसे व्यापारियों को प्रक्रिया से जुड़े दवाब से राहत देने के लिए त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करने वाले व्यापारियों के टर्नऑवर की सीमा को 1 करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ कर दिया है। इससे कम्पोजिशन स्कीम से बाहर के करीब 90 प्रतिशत व्यापारी आ जायेंगे।
निर्यातकों को आ रही फंड की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने अंतरिम राहत देने का फैसला लिया है। इसके तहत केन्द्र और राज्य के अधिकारियों के पास यह अधिकार होगा कि वह 10 अक्टूबर से जुलाई का, 18 अक्टूबर से अगस्त का आंतरिक रिफंड राहत दे सकते हैं। इसके अलावा फिलहाल एक ई वॉलट हर निर्यातक का बनेगा जिसमें एक नोशनल अमाउंट अडवांस रिटर्न के तौर पर दिया जायेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि रिफंड की व्यवस्था धीरे-धीरे बन रही है। 1 अप्रैल से इस लागू कर दिया जायेगा। एक तकनीकी कंपनी इसे तैयार करेगी। तब तक निर्यातक 0.1 प्रतिशत की दर पर निर्यात कर सकते हैं।
जेटली ने कहा कि ज्वैलरी कारोबार को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी पीएमएलए के दायरे से बाहर कर दिया गया है। नई व्यवस्था के बाद से अगर कोई कंपनी जेम्स, ज्वैलरी और अन्य महंगे सामानों का कारोबार करती है और अगर उनका सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से अधिक है तो उन्हें अब मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के दायरे में नहीं रखा जाएगा। वहीं ज्वैलरी की खरीदारी पर पैन देने की सीमा को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है।
शुक्रवार की बैठक में 27 आइटम्स के दाम की समीक्षा करते हुए उनके दरों को घटा दिया गया है। जेटली ने कहा कि आम, खाखरा और आयुर्वेदिक दवाओं पर जीएसटी की दर 12 से 5 फीसदी कर दी है। स्टेशनरी के कई सामानों पर जीएसटी 28 से 18 प्रतिशत कर दी गई है। हाथ से बने धागों पर जीएसटी 18 से 12 प्रतिशत कर दी गई है। प्लेन चपाती पर जीएसटी 12 से 5 प्रतिशत कर दी गई है। आईसीडीएस किड्स फूड पैकेट पर जीएसटी 18 से 5 प्रतिशत की गई है। अनब्रैंडेड नमकीन पर 5 प्रतिशत जीएसटी की दर लागू होगी। यही दर अनब्रैंडेड आयुर्वेदिक दवाओं पर भी लागू होगी। डीजल इंजन के पार्ट्स पर अब 18 फीसदी जीएसटी लगेगी। दरी (कारपेट) पर जीएसटी की दर को 12 से 5 प्रतिशत कर दिया गया है। रिवर्स चार्ज की व्यवस्था को 31 मार्च-2018 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।