नई दिल्ली, (हि.स.)। बिहार में नीतीश कुमार के भाजपा के सरकार गठन के साथ ही दिल्ली में पार्टी का घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। शरद यादव खेमे के कांग्रेस का दामन थामने के संकेत के बीच जदयू की केरल इकाई ने पार्टी से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया है।
जनता दल-युनाइटेड (जेडीयू) की केरल इकाई के प्रमुख व राज्यसभा के सदस्य वीरेंद्र कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘वह फासीवादी शक्तियों के खिलाफ लड़ाई में उच्च सदन से इस्तीफा देने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘इसकी जो भी कीमत होगी, हम चुकाने के लिए तैयार हैं। वीरेंद्र कुमार ने कहा कि ‘हमें जेडीयू का राजग के साथ गठबंधन स्वीकार नहीं है और नीतीश कुमार के साथ हमारे संबंध समाप्त हो चुके हैं। यह चौंकाने वाला है कि नीतीश कुमार राजग में शामिल हो गए। हम सभी ने सोचा था कि वह फासीवादी प्रवृत्तियों के खिलाफ जंग करेंगे लेकिन वह अब इसका एक हिस्सा बन गए हैं।
उन्होंने उम्मीद जताई कि जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव और बिहार में पार्टी के विधायक नीतीश कुमार के निर्णय को स्वीकार नहीं करेंगे। वीरेंद्र कुमार ने कहा, ‘मैं शरद यादव और जदयू विधायकों को फोन कर कहूंगा कि वे कहें कि हम इसे स्वीकार नहीं करते हैं।
इससे पहले महागठबंधन तोड़ जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार के भाजपा के सहयोग से बिहार में सरकार बनाने के फैसले से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने नाराजगी साफ कर दी थी। एक ओर जहां पार्टी नेता जेडीयू से राज्यसभा सांसद अली अनवर अंसारी के खुलकर विऱोध जताया है वहीं जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव यादव भी इस फैसले से नाराज हैं।
इसके बाद शरद यादव ने बिहार में जेडीयू-भाजपा के सरकार गठन के बाद यहां दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। साथ ही उन्होंने अपने घर पर शाम 5 बजे से बैठक बुलाई है। इसमें शामिल होने वालों में राज्यसभा सांसद अली अनवर अंसारी, सांसद वीरेंद्र कुमार, अरुण सिंहा, जावेद रजा इत्यादि नेता पहुंचे हैं।