नई दिल्ली, (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विज्ञान के क्षेत्र में भारत के बढते कदम की सराहना करते हुए हाल के दिनों की उपलब्धियों को गर्व का विषय बताया। उन्होंने कहा कि एक तरफ़ हम योग को लेकर के गर्व करते हैं, तो दूसरी तरफ़ हम अंतरिक्ष विज्ञान में मिली उपलब्धियों पर गर्व कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने रविवार को आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि भारत की विशेषता है कि अगर हमारे पैर योग से जुड़े हुए ज़मीन पर हैं, तो हमारे सपने दूर-दूर आसमानों के उन क्षितिजों को पार करने के लिये भी हैं। पिछले दिनों विज्ञान में भी भारत ने बहुत-कुछ करके दिखाया है। आज भारत केवल धरती पर ही नहीं, अंतरिक्ष में भी अपना परचम लहरा रहा है।
मोदी ने कहा कि अभी दो दिन पहले इसरो ने ‘ कार्टोसेट-2 सीरिज सैटेलाइट’ के साथ 30 नैनो सैटेलाइट को लांच किया। और इन सैटेलाइट्स में भारत के अलावा फ्राँस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका - ऐसे क़रीब-क़रीब 14 देश इसमें शामिल हैं। और भारत के इस नैनो सैटेलाइट अभियान से खेती के क्षेत्र में, किसानी के काम में, प्राकृतिक आपदा के संबंध में काफ़ी कुछ हमें मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे कुछ दिन पहले इसरो ने ‘जीसैट-19’ का सफ़ल प्रक्षेपण किया था। और अब तक भारत ने जो सैटेलाइट लांच किये हैं, उसमें ये सबसे ज़्यादा वज़नदार सैटेलाइट है।
प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में वैज्ञानिकों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि 19 जून को ‘मार्स मिशन’ के एक हज़ार दिन पूरे हुए हैं। सबको पता होगा कि जब ‘मार्स मिशन’ के लिये हम लोग सफलतापूर्वक आर्बिट में जगह बनाई थी, तो ये पूरा मिशन एक 6 महीने की अवधि के लिये था, लेकिन मुझे ख़ुशी है कि हमारे वैज्ञानिकों के इस प्रयासों की ताक़त ये रही कि 6 महीने तो पार कर दिये - एक हज़ार दिन के बाद भी ये हमारा ‘मंगलयान मिशन’ काम कर रहा है, तस्वीरें भेज रहा है। उन्होंने कहा कि एक हज़ार दिन पूरा होना हमारी वैज्ञानिक यात्रा के अन्दर, हमारी अंतरिक्ष यात्रा के अन्दर एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।