आदिवासियों का जाति प्रमाण पत्र एक ही बार बनेगा जो हमेशा मान्य होगा: मुख्यमंत्री रघुवर दास
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि आदिवासियों का जाति प्रमाण पत्र एक ही बार बनेगा, जो पूरे जीवन में मान्य होगा। प्रोजेक्ट भवन में बीडीओ और सीओ के साथ आयोजित बैठक में दास ने कहा लोग जाति प्रमाण पत्र के लिए परेशान हैं। अधिकारी प्रमाण पत्र जारी करने में कोताही न करें। खतियान में नाम न हो, तो गांवों में ग्राम सभा और शहरी क्षेत्र में वार्ड समिति द्वारा जाति से संबंधित स्वीकृति के बाद जाति प्रमाणपत्र से संबंधित आवेदन के आधार पर प्रमाणपत्र निर्गत करें। आवेदकों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए।
रघुवर दास ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए आज कहा कि आजाद भारत में वे शासक नहीं सेवक बनकर काम करें। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 30 सितंबर तक ग्राम सभा से अनुमोदित योजना को प्रखंड विकास पदाधिकारी धरातल पर उतारें। हर हाल में योजना लागू होनी चाहिए। लोग असंतुष्ट होते हैं तो सरकार बदनाम होती है। आजाद भारत में शासन नहीं सेवा करनी है। लालफीताशाही नहीं चलेगी। लोकतंत्र में शासन, प्रशासन और जनता जनार्दन के बीच संबंध होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें समय पर किसानों को वित्तीय सहायता प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत उपलब्ध करानी है। सभी अंचल अधिकारी और बीडीओ इस बात को गंभीरता से लें। किसानों द्वारा दिये गए आवेदन का निष्पादन एक सप्ताह के अंदर करें। मिशन मोड में कार्य होना चाहिए। दलित और आदिवासी किसान पर विशेष ध्यान दें। हमें नया भारत और नया झारखण्ड बनाना है, इसके लिए कार्य संस्कृति में बदलाव लाएं।
दास ने कहा कि किसानों को सरकार ने जुलाई में योजना की प्रथम किस्त और दुर्गा पूजा के समय दूसरी किस्त देने का लक्ष्य तय किया है, जिससे किसान खेती के लिए खाद, बीज व अन्य जरूरी संसाधन जुटा सकें। उन्होंने कहा कि जनता से जुड़े मामलों में संवेदनशीलता दिखाएं।