ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाट
राष्ट्रीय
राफेल डील पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुना सकता है फैसला
By Deshwani | Publish Date: 14/12/2018 10:52:09 AM
राफेल डील पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुना सकता है फैसला

नई दिल्ली। भारत और फ्रांस के बीच हुए राफेल विमान सौदे पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज अहम फैसला सुना सकता है। सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले में फैसला सुनाएगी। दरअसल 14 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था।

आपको बता दें कि राफेल मामले में दो वकील एमएल शर्मा और विनीत ढांडा के अलावा एक गैर सरकारी संस्था ने जनहित याचिकाएं दाखिल कर सौदे पर सवाल उठाते हुए इसे रद्द करने की मांग की है।
 
इससे पहले सुनवाई के दौरान सीजेआइ द्वारा तलब करने पर वायुसेना के अधिकारी भी कोर्ट पहुंचे थे। एयर वाइस मार्शल चलपति कोर्ट नंबर एक में मौजूद थे और सीजेआई रंजन गोगोई के सवालों का जवाब देते हुए बताया था कि आखिर राफेल की जरूरत क्यों है? केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि फ्रांस की सरकार ने 36 विमानों की कोई गारंटी नहीं दी है लेकिन प्रधानमंत्री ने लेटर ऑफ कम्फर्ट जरूर दिया है।
 
इन आरोपों के बीच केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की कीमत का ब्योरा सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपा था। सरकार ने 14 पन्नों के हलफनामे में कहा था कि राफेल विमान खरीद में रक्षा खरीद प्रक्रिया-2013 के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पूरी तरह पालन किया गया। इस हलफनामे का शीर्षक ‘36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का आदेश देने के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया में उठाए गए कदमों का विवरण’ है। 
 
एनडीए सरकार पर राफेल सौदे को लेकर विपक्षियों ने आरोप लगाया है कि हर विमान को करीब 1,670 करोड़ रुपये में खरीद रही है, जबकि यूपीए सरकार जब 126 राफेल विमानों की खरीद के लिए बातचीत कर रही थी तो उसने इसे 526 करोड़ रुपये में अंतिम रूप दिया था। सुप्रीम कोर्ट में दो वकीलों एमएल शर्मा और विनीत ढांडा के अलावा एक गैर सरकारी संस्था ने जनहित याचिकाएं दाखिल कर सौदे पर सवाल उठाए हैं।
 
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गत 31 अक्टूबर को सरकार को सील बंद लिफाफे में राफेल की कीमत और उससे मिले फायदे का ब्योरा देने का निर्देश दिया था। साथ ही कहा था कि सौदे की निर्णय प्रक्रिया व इंडियन आफसेट पार्टनर चुनने की जितनी प्रक्रिया सार्वजनिक की जा सकती हो उसका ब्योरा याचिकाकर्ताओं को दे। सरकार ने आदेश का अनुपालन करते हुए ब्योरा दे दिया है।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS