राष्ट्रीय
जस्टिस नरीमन ने मुंबई डांस बार मामले की सुनवाई से खुद को किया अलग
By Deshwani | Publish Date: 19/1/2018 1:15:08 PMनई दिल्ली (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आरएफ नरीमन ने मुंबई के डांस बार मामले पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। सुनवाई के दौरान जस्टिस नरीमन ने कहा कि वे पहले महाराष्ट्र सरकार के लिए पेश हो चुके हैं इसलिए वे अपने को सुनवाई से अलग कर रहे हैं।
भारतीय बार गर्ल्स एसोसिएशन ने महाराष्ट्र सरकार के नए एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। पहले की सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि बार में सीसीटीवी कैमरे जरूर होने चाहिए क्योंकि वहां अपराधी प्रवृत्ति के लोगों का आना जाना होता है। महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि 21 साल से कम उम्र के लोगों को बार में जाने की अनुमति नहीं होगी क्योंकि बार में उनके बिगड़ने की संभावना ज्यादा होती है। महाराष्ट्र ने कहा था कि बार में कोई प्रशिक्षित डांसर नहीं होता इसलिए वहां अश्लीलता की संभावना ज्यादा रहती है।
पहले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की इस बात के लिए आलोचना की थी कि उन्होंने डांस बार में शराब परोसने पर प्रतिबंध लगाया है। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा था कि वो राज्य में शराब पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाती? कोर्ट ने डांस बार में सीसीटीवी लगाने पर भी नाराजगी जताई थी और कहा था कि इससे डांस बार जाने वालों की निजता का हनन हो सकता है।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि डांस बारों में डांस के वक्त पैसे उड़ाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। ये महिलाओं के गौरव, सभ्यता और शिष्टाचार के खिलाफ है। कोर्ट ने पहले की सुनवाई में यह भी कहा था कि बार डांस करना रोड पर भीख मांगने से अच्छा है।