नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुलवामा आतंकी हमले को दुनिया पर छाए मानवता विरोधी खतरे की क्रूर निशानी बताते हुए आज कहा कि भारत और सऊदी अरब आतंकवाद को किसी भी प्रकार का समर्थन दे रहे देशों पर सभी संभव दबाव बढ़ाने की आवश्यकता पर सहमत हैं।
सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान के साथ शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, 'आतंकवाद का आधारभूत ढांचा नष्ट करना, इसे मिल रहा समर्थन समाप्त करना और आतंकवादियों तथा उनके समर्थकों को सजा दिलाना बहुत जरूरी है।'
प्रधानमंत्री ने पुलवामा में हुए बर्बर आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि यह घटना इस मानवता विरोधी खतरे की वजह से दुनिया पर छाए कहर की एक और क्रूर निशानी है। इस खतरे से प्रभावशाली ढंग से निपटने के लिए हम इस बात पर सहमत हैं कि आतंकवाद को किसी भी प्रकार का समर्थन दे रहे देशों पर सभी संभव दबाव बढ़ाने की आवश्यकता है।'
मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और इसके लिए एक मजबूत कार्ययोजना की भी जरूरत है, ताकि हिंसा और आतंक की ताकतें हमारे युवाओं को गुमराह न कर सकें। उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि सऊदी अरब और भारत इस बारे में साझा विचार रखते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिम एशिया और खाड़ी में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में दोनों देशों के साझा हित हैं और सऊदी अरब के युवराज से बातचीत में इस क्षेत्र में कार्यों में तालमेल बनाने और भागीदारी को तेजी से आगे बढ़ाने पर सहमति हुई है। उन्होंने कहा, 'हम इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि आतंकवाद से मुकाबला करने के संदर्भ में समुद्री सुरक्षा और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में और मजबूत द्विपक्षीय सहयोग दोनों देशों के लिए लाभप्रद रहेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे ऊर्जा संबंधों को सामरिक गठजोड़ में तब्दील करने का समय आ गया है. दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी और सामरिक पेट्रोलियम रिज़र्व में सऊदी अरब की भागीदारी दोनों देशों के ऊर्जा संबंधों को खरीददार, बिक्रेता से बहुत आगे ले जाती है। मोदी ने कहा, 'हम अक्षय ऊर्जा के क्षेत्रों में अपने सहयोग को मज़बूत करने पर सहमत हुए हैं।