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35ए के खिलाफ दायर याचिका पर जल्द होगी सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट
By Deshwani | Publish Date: 22/1/2019 3:11:29 PMनई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में स्थायी नागरिकता की परिभाषा देने वाले अनुच्छेद-35ए को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की तारीख तय करने की मांग पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने आश्वस्त किया कि जल्द ही इस मामले की इन-चैम्बर सुनवाई की तारीख तय कर दी जाएगी।
पिछले 7 जनवरी को जम्मू-कश्मीर सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा था कि 1982 से लेकर अब तक ये एक्ट प्रभाव में नहीं आया है। पुनर्वास को लेकर राज्य सरकार को अभी तक कोई आवेदन नहीं मिला है।
13 दिसंबर, 2018 को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर सरकार से पूछा था कि आखिर विभाजन के दौरान पाकिस्तान जा रहे लोगों के वंशजों को भारत में फिर से रहने की कैसे इजाज़त दी जा सकती है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने जम्मू-कश्मीर सरकार से पूछा था कि राज्य में पुर्नवास के लिए कितने लोगों ने अप्लाई किया है।
ये क़ानून विभाजन के दौरान 1947-54 के बीच पाकिस्तान जा चुके लोगों को हिंदुस्तान में पुर्नवास की इजाज़त देता है।इसके खिलाफ जम्मू-कश्मीर पैंथर्स पार्टी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि ये क़ानून असंवैधानिक व मनमाना है, इससे राज्य की सुरक्षा को खतरा है।
केंद्र सरकार ने भी याचिकाकर्ता का समर्थन किया है। कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार पहले ही कोर्ट में हलफनामा दायर कर ये साफ कर चुकी है कि वो विभाजन के दौरान सरहद पार गए लोगों की वापसी के पक्ष में नहीं है।