लखनऊ। देश में विपक्षी दलों के नेताओं के द्वारा प्रधानमंत्री पर तंज कसने का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच कल लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि आजादी के मूल्यों को कायम रखने तथा लोकतंत्र को कमजोर होने से बचाने के लिए देश की जनता नया प्रधानमंत्री चाहती है। यादव ने मध्य प्रदेश की 2 दिन की यात्रा पर जाने से पूर्व लखनऊ में कार्यकर्ताओं तथा अन्य नेताओं से भेंट की। पीलीभीत के सिख प्रतिनिधिमण्डल ने यादव से मुलाकात कर उन्हें स्वर्ण मंदिर की प्रतिकृति और सरोपा भेंट किया।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) शासन में बेरोजगारी बढ़ी है। युवाओं का भविष्य अंधेरे में है और किसान परेशान है। न्यूनतम समर्थन मूल्य के नाम पर भी उन्हें धोखा दिया गया है। कर्ज से दबे किसान के समक्ष आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं है। महिलाओं-बच्चियों का जीवन असुरक्षित है और कानून व्यवस्था ध्वस्त है। भाजपा सरकार के पास शिलान्यास और उद्घाटन का उद्घाटन करना ही बस एक काम रह गया है।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा सरकार में सभी मेडिकल कालेजों में डॉक्टरों को पीजीआई में मिलने वाली सुविधाएं देने की व्यवस्था थी। अब तो अस्पतालों में दवाईयां सुलभ नहीं हैं। स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे किनारे दूध, फल-सब्जी, अनाज आदि मंडियों की व्यवस्था सपा सरकार ने की थी। भाजपा सरकार ऐसा कुछ करने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि आबादी के आधार पर सम्मान मिलना चाहिए। जनगणना करके आबादी के आंकलन के साथ उनकी भागीदारी तय हो सकती है। इससे किसी को नाराजगी नहीं होनी चाहिए। सपा सरकार के समय ही बुनकरों के लिए नोएडा, लखनऊ और गाजियाबाद में बाजार खोले गए। भदोही में कालीन केन्द्र स्थापित किया गया और लखनऊ में अवध शिल्पग्राम बना।
यादव ने कहा इधर उच्चतम न्यायालय ने भीड़तंत्र को नकारा है और उधर झारखंड में खुलेआम कातिलाना हमले की घटना हो गई। केन्द्र और राज्य में सत्ताधारी भाजपा अब किस मुंह से कहेगी कि वह न्यायपालिका का सम्मान करती है। देश को अराजकता के इस दौर से बचाने के लिए सबको आगे आना होगा। इस अवसर पर अहमद हसन, राजेन्द्र चौधरी, नरेश उत्तम पटेल, अरविन्द सिंह गोप, अवधेष प्रसाद, पारसनाथ यादव, बालेष्वर यादव, महबूब अली, नवाब इकबाल, एसआरएस यादव, तूफानी सरोज तथा जगदीश कुशवाहा भी मौजूद थे।