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कुशीनगर में बुद्ध महापरिनिर्वाण मंदिर के समीप नया गेट बनवाने पर कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
By Deshwani | Publish Date: 7/12/2019 4:35:56 PM
कुशीनगर में बुद्ध महापरिनिर्वाण मंदिर के समीप नया गेट बनवाने पर  कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

कुशीनगर भानु तिवारी । जिले में कुशीनगर बौद्ध स्थली के मुख्य महापरिनिर्वाण मंदिर के उत्तरी गेट से सटे बर्मी मंदिर की ओर से एक और नया गेट बनाने के मामले में पुरातत्व विभाग की तरफ से कुशीनगर भिक्षु संघ अध्यक्ष व बुद्ध पीजी कॉलेज प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष एबी ज्ञानेश्वर व बर्मी मंदिर मैनेजर समेत कई अज्ञात के खिलाफ प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम की धारा 30 ए के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।

मंगलवार शाम मंदिर के उत्तरी गेट की बाहर की तरफ बर्मी मंदिर की ओर से सटे नया गेट का निर्माण शुरू कराया गया। पुरातत्व विभाग के कर्मचारी ने स्थानीय प्रशासन व विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिषेक पांडेय ने बुधवार दोपहर बाद जायजा लिया था।उन्होंने मुकदमा दर्ज कराने को कहा था। शुक्रवार देर रात स्मारक परिचर नंदलाल गुप्ता की तहरीर पर बर्मी मंदिर के प्रबंधक रामनगीना व अग्ग महापंडित भदंत ज्ञानेश्वर समेत अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
एसओ ज्ञानेंद्र कुमार राय ने कहा विभागीय अधिकारी और कर्मचारी की तरफ से मिली तहरीर पर संबंधित धारा में मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल की जा रही है।
 
 
यद्मपि  प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम के उल्लंघन के मामले में दोष सिद्ध होने पर दो वर्ष से अधिक के कारावास से या ऐसे जुर्माने से जो एक लाख रुपये तक हो सकेगा या दोनों से दंडनीय होगा। मुख्य मंदिर प्राचीन स्मारक एवं पुरातात्विक स्थल और अवशेष (संशोधन और विधिमान्य करण) विधेयक 29 मार्च 2010 के मूल नियम 9 की अधिनियम की धारा 30 क एवं ख के तहत संरक्षित स्मारक पुरातात्विक क्षेत्र, बाउंड्री से 100 मीटर तक का क्षेत्र किसी भी प्रकार के खनन, नया निर्माण आदि के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित है। जबकि इसके आगे 200 मीटर या इससे अधिक एवं निकटस्थ का क्षेत्र खनन व निर्माण कार्य के लिए विनियमित क्षेत्र घोषित है। इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के भवनों की मरम्मत, परिवर्तन व निर्माण/नवनिर्माण के लिए आयुक्त वाराणसी मंडल से पूर्वानुमति लेना आवश्यक है।
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