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उपराज्यपाल-दिल्ली सरकार विवाद: देश के बड़े वकील करेंगे सुप्रीम कोर्ट में अनिल बैजल का बचाव
By Deshwani | Publish Date: 22/7/2018 5:21:34 PM
उपराज्यपाल-दिल्ली सरकार विवाद: देश के बड़े वकील करेंगे सुप्रीम कोर्ट में अनिल बैजल का बचाव

 नई दिल्ली। उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच चल रही जंग में देश के तीन बड़े वकील उपराज्यपाल अनिल बैजल और केन्द्र सरकार का बचाव करेंगे। दोनों की जंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 26 जुलाई को दूसरे राउंड की सुनवाई होनी है। इसके लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर इन तीनों वकीलों को रखने को कहा है। इस बहस में ट्रांसफर-पोस्टिंग का मुद्दा भी उठेगा। बता दें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल में पिछले काफी समय से अधिकार को लेकर विवाद चलता आ रहा है। न सिर्फ इसको लेकर मुख्यमंत्री को उपराज्यपाल आवास में धरना देना पड़ा बल्कि, पीएमओ हाऊस कूच रैली निकाली जा चुकी है। लेकिन, मामला अभी तक सुलझा नहीं है। यह मामला हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है।

 
इसमें पहले राउंड की बहस हो चुकी है और अब 26 जुलाई को दूसरे राउंड की बहस होनी है। इसको देखते हुए केन्द्र सरकार ने उपराज्यपाल की मदद करने के लिए देश के तीन नामी वकीलों हरीश साल्वे, सीए सुन्दरम और राकेश द्विवेदी को अपनी पैरवी करने के लिए नियुक्त करने का निर्देश दिया है। ये वकील दूसरे राउंड की बहस उपराज्यपाल और केन्द्र सरकार की ओर से करेंगे और उनका पक्ष रखेंगे। इससे पहले चार जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए कहा था कि उपराज्यपाल स्वतंत्र तौर पर कोई भी निर्णय नहीं ले सकते और वो मंत्री परिषद की मदद और सलाह के लिए बाध्य हैं। वो हर छोटी-छोटी बात पर विरोध नहीं जता सकते और बड़े मसले पर मतभेद होने पर मामले को राष्ट्रपति के पास भेजेंगे।
 
पीठ ने ये भी साफ किया था कि जमीन, पुलिस और पब्लिक ऑर्डर को छोड़कर दिल्ली सरकार अन्य विषयों पर कानून बना सकती है। इसमें एलजी की सहमति जरूरी नहीं है। सिर्फ उन्हें सूचित किया जाना काफी है। पीठ ने कहा था कि एलजी राज्यपाल नहीं हैं और ना ही दिल्ली को राज्य का दर्जा दिया जा सकता है। इसके बाद सॢवस, कमीशन के गठन, एंटी करप्शन ब्यूरो समेत अन्य मुद्दों पर दाखिल नौ याचिकाओं को दो जजों की बेंच के पास भेज दिया गया था।
 
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