बेतिया। बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के बैनर तले 7 सूत्री मांगों को लेकर जिला समाहर्ता के समक्ष प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के माध्यम से मोदी सरकार की मजदूर विरोधी लेबर कोड बिल वापस लिए जाने तथा ट्रेड यूनियन के प्रमाणित आधार पर निर्माण श्रमिकों के निबंधन की गारंटी करने, निबंधित निर्माण मजदूरों को 2017 से लम्बित अनुदान राशि को बिना शर्त देने के साथ निर्माण मजदूरों के साथ हो रहा भेदभाव पर रोक लगाने की मांग किया गया।
समाहर्ता के गेट पर प्रदर्शन को संबोधित करते हुए निर्माण मजदूर यूनियन के जिला संयोजक जवाहर प्रसाद ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की नीतीश सरकार मजदूरों की कमाई हड़प कर, उनके हक अधिकार को छीन कर बड़े पूंजिपतियों की झोली में डाल रही है। बेरोजगारी बढ़ाकर और श्रम का मूल्य गिराकर मजदूर नौजवानों को मजबूर बना कर बहुत कम मजदूरी पर दास की तरह काम करने के लिए बाध्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि लंबे समय के संघर्ष के जरिए मजदूरों के हित में हासिल 44 श्रम कानूनों को रद्द कर (चार) 4 कोड बनाकर वेतन भोगी श्रमजीवीओं को आजीवन पुंजीपतियों की सेवा में समर्पित कर दिया गया है। कुछ पुंजीपतियों को लाख-लाख करोड़ के टैक्स और बैंक से लिए गए कर्ज माफी की सौगात दी जा रही है।
प्रसाद ने कहा कि वस्तुओं पर भारी टैक्स लादकर जनता से उनकी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं निर्माण- असंगठित मजदूर के कल्याण कोष, बृद्धा पेंशन, जीपीएस, ईसआई को एक छत के नीचे सरकार करोड़ों की जमा राशि को प्रबंधन के नाम पर अंबानी अदानी को देने जैसा योजना चला रही है, रेल डिफेंस और बैंक को भी देसी विदेशी पुंजीपतियों के हाथों बेचा जा रहा है।
इनके अलावा एक्टू के जिला संयोजक रवीन्द्र रवि ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि निर्माण मजदूर और अन्य असंगठित मजदूरों और व्यापक मेहनतकश लोगों का हक अधिकार और देश का लोकतंत्र मोदी सरकार के हाथो सुरक्षित नहीं रह सकता। हमें कमर कस कर बड़ी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार होना होगा। हमें इस सवाल का जवाब मांगना होगा कि 1 वर्ष में अदानी-अंबानी को लाखों करोड़ों रुपया का मुनाफा और करोड़ों आम जनता की बदहाली के लिए कौन जिम्मेदार है। हमें देश में कारपोरेट संप्रदायिक फासिस्ट शान वाली सरकार नहीं चाहिए।
इस मौके पर सुरेश ठाकुर, रीखी साह, जोखन चौधरी, रामनाथ प्रसाद जैसे नेताओं ने अपने बात रखे। अंत में जिला समाहर्ता और जिला श्रम अधीक्षक को मांग पत्र दिया गया।