मुंबर्इ। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए करीब 11,400 करोड़ रुपये के अधिक रकम के घोटाले के बाद मुंबई में निजी क्षेत्र के तीसरे सबसे बड़े एक्सिस बैंक में करीब चार हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। हालांकि, एक्सिस बैंक की शिकायत पर मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने कंपनी के तीन निदेशकों को गिरफ्तार कर लिया है।
एक्सिस बैंक ने पारेख एल्युमिनेक्स लिमिटेड (पीएएल) के भवरलाल भंडारी, प्रेमल गोरागांधी और कमलेश कानूनगो के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस की ओर से उनकी गिरफ्तारी की गयी है। इन पर आरोप है कि इन्होंने लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एलओयू) का इस्तेमाल करते हुए जाली कंपनियों के बिल दिखाकर बैंक की मुख्य शाखा को 250 करोड़ रुपये का चूना लगाया था।
बैंक की ओर से मुंबर्इ पुलिस की अपराध शाखा में अन्य निदेशकों के खिलाफ भी शिकायत की है। इनके नाम अमिताभ पारेख, राजेंद्र गोठी, देवांशु देसाई, किरन पारिख और विक्रम मोरदानी हैं। इनमें अमिताभ पारेख की 2013 में मौत हो गयी थी। पारेख अल्यूमिनेक्स के खिलाफ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक की शिकायत पर सीबीआई पहले से ही जांच कर रही है। इन बैंकों का आरोप है कि कंपनी रियल स्टेट डेवलेपर्स को फंड डाइवर्ट कर देती थी।
कंपनी ने बैंक से पहले 125 करोड़ के तीन शॉर्ट टर्म लोन लिये और बैंक का भरोसा जीतने के लिए चुका भी दिये। वहीं, साल 2011 में पारेख ने एक्सिस बैंक से 127.5 करोड़ रुपये का लोन लिया। इसके लिए उसने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की एक ऐसी बैठक से जुड़े दस्तावेज दिये, जो बैठक कभी हुई ही नहीं थी। बैंक ने कंपनी को कच्चा माल और उपकरण खरीदने के लिए लोन दे दिया।