बिहार
कुपोषण मुक्त होगा बिहार, यूनिसेफ सहित कई संगठन आए आगे
By Deshwani | Publish Date: 25/6/2018 1:23:32 PMपटना। बिहार में बढ़ते मां और बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए यूनिसेफ सहित कई संगठन आगे आए हैं। इनमें से अलाइव एंड थ्राइव और यूनिसेफ के द्वारा इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (बिहार शाखा) और पटना ओब्स्टेट्रिक एंड गयनेकोलॉजिकल सोसाइटी के सहयोग से मातृ शिशु और नवजात पोषण के उपर चिकित्सकों को अधिक जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्देश्य मातृ-शिशु और नवजात बच्चों के पोषण को सुधारने के लिए नीति और कार्यक्रम एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए चिकित्सा संस्थानों और आईएपी और संगठनों को शामिल करना है। इसके साथ ही पूरे राज्य में मातृ शिशु और छोटे बच्चों के पोषण के बारे में निजी चिकित्सकों खास कर पीडियाट्रिक्स और ओब्स्टेट्रिक के बीच प्रभावी ढंग से जागरूकता पैदा करना है। इन संगठनों की कोशिश हैं कि बिहार के बच्चों, माताओं और नवजात बच्चों को सुपोषित किया जा सकें।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अध्यक्ष डॉ अरूण साह ने कहा कि हम सब यह जानते हैं कि स्तनपान से बेहतर कोई विकल्प नहीं हैं बच्चों के लिए फिर क्या कारण हैं कि बिहार में अब भी जन्म के 1 घंटे के अंदर केवल 35 प्रतिशत बच्चों में ही स्तनपान की शुरूआत हो पाती है। हमें सोचना होगा कि क्या इसके लिए हम पीडियाट्रिक्स जिम्मेदार है। स्तनपान राष्ट्रीय उत्पादकता से भी जुड़ा हुआ है।