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पटना
सामाजिक कुरीतियों का खात्मा जन जागरूकता से ही संभव : सुशील मोदी
By Deshwani | Publish Date: 21/1/2018 6:05:56 PM
सामाजिक कुरीतियों का खात्मा जन जागरूकता से ही संभव : सुशील मोदी

पटना (हि.स.)|  बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि राजद और कांग्रेस पिछले साल शराबबंदी के पक्ष में मुख्यमंत्री के साथ खड़ी थी किन्तु वे आज सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ मानव श्रृंखला का विरोध कर अभियान का मजाक उड़ा रहे हैं।

दहेज प्रथा तथा बाल विलाह के खिलाफ रविवार को बनी मानव श्रृंखला में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से यहाँ कहा कि अच्छा होता कि राजद -कांग्रेस भी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ मानव श्रृंखला में शामिल होकर अपना समर्थन देती । उन्होंने कहा कि पिछले साल विपक्ष में होने के बावजूद भाजपा ने मानव श्रृंखला में हिस्सा लिया था और शराबबंदी का पुरजोर समर्थन किया था।

मानव श्रृंखला को सफल बनाने के लिए तमाम बिहारवासियों को हार्दिक धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि दहेज और बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है जिसका खात्मा केवल कानून से संभव नहीं है। सुशील मोदी ने कहा कि 1872 में बंगाल के समाजसुधारक केशवचन्द्र सेन के प्रयास से स्पेशल मैरेज एक्ट बना था जिसके तहत शादी के लिए लड़की की उम्र 14 और लड़के की 18 वर्ष तय की गई थी। उन्होंने कहा कि 57 वर्षों के बाद 1929 में शारदा एक्ट के जरिए लड़की और लड़का की शादी की उम्र में बढ़ोत्तरी कर 18 और 21 वर्ष कर दी गई। भाजपा नेता ने कहा कि केवल कानून बना देने मात्र से बाल विवाह पर रोक लग जाती तो करीब डेढ़ सौ साल पहले बने कानून के बावजूद बिहार जैसे राज्य में आज भी सौ में 39 लड़कियां बाल विवाह का शिकार नहीं होती।

उन्होंने कहा कि दहेज प्रथा बाल विवाह की मूल वजह है क्योंकि बच्ची की उम्र ज्यादा होने पर दहेज देना पड़ेगा इसलिए लोग बाल विवाह कर देते हैं। बाल विवाह की वजह से ही शिशु मृत्यु और मातृत्व मृत्यु की दर भी आज अधिक है।

उन्होंने कहा कि सामाजिक कुरीतियों का खात्मा कानून के साथ-साथ ऐसे ही जागरूकता अभियान के जरिए संभव है। कानून दंडित तो कर सकता है मगर हृद्य परिवर्तन नहीं सती प्रथा जैसी कुरीति का अंत भी केवल कानून से नहीं बल्कि सामाजिक जनचेतना से ही संभव हो पायी थी।

 

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