ब्रेकिंग न्यूज़
पूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाटबिहार:10 जोड़ी ट्रेनें 25 फरवरी तक रद्द,नरकटियागंज-मुजफ्फरपुर रेलखंड की ट्रेनें रहेंगी प्रभावितप्रधानमंत्री ने मिजोरम के निवासियों को राज्‍य के स्‍थापना दिवस पर शुभकामनाएं दी
अंतरराष्ट्रीय
भारत, यूके की प्रमुख रदरफोर्ड एपलटन प्रयोगशाला में सुविधाएं बढ़ाने में सहयोग करेगा
By Deshwani | Publish Date: 28/4/2023 8:22:59 PM
भारत, यूके की प्रमुख रदरफोर्ड एपलटन प्रयोगशाला में सुविधाएं बढ़ाने में सहयोग करेगा

दिल्ली केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज ब्रिटेन (यूनाइटेड किंगडम) की प्रमुख संस्था, रदरफोर्ड एपलटन लेबोरेटरी (आरएएल) का दौरा किया और यूके-इंडिया आईएसआईएस परियोजना पर काम करने वालों सहित शोधकर्ताओं से मुलाकात की।

 
 
 
 
 
 
रदरफोर्ड एपलटन लेबोरेटरी (आरएएल) ब्रिटेन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी सुविधा परिषद (साइंस एंड टेक्नोलॉजी फैसिलिटीज काउंसिल - एसटीएफसी) द्वारा संचालित राष्ट्रीय वैज्ञानिक अनुसंधान प्रयोगशालाओं में से एक है। ब्रिटेन (यूके) के लिए स्वदेशी (होस्टिंग) सुविधाओं के अलावा, आरएएल प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं में भागीदारी के यूके कार्यक्रम को समन्वयित करने के लिए विभागों का संचालन भी करता है। इनमें से सबसे बड़े क्षेत्र कण भौतिकी (पार्टिकल फिजिक्स) और अंतरिक्ष विज्ञान (स्पेस साइंस) के हैं। यह स्थान साइट यूके की कुछ प्रमुख वैज्ञानिक सुविधाएं प्रदान करता है, जिनमें शामिल हैं: आईएसआईएस न्यूट्रॉन और म्यूऑन सोर्स (1984), एक स्पैलेशन न्यूट्रॉन स्रोत, सेंट्रल लेजर सुविधा, डायमंड लाइट सोर्स सिंक्रोट्रॉन शामिल हैं ।
 
 
 
 
 
 
डॉ. जितेंद्र सिंह ने उल्लेख किया कि भारत की जी20 अध्यक्षता पद के इस वर्ष में जब प्रधानमंत्री नरेप्‍द्र मोदी ने 'वसुधैव कुटुम्बकम' का विषय दिया है, जिसका अर्थ यह है कि पूरी दुनिया एक ही परिवार है, ऐसे में भारत मानव जाति के बड़े लाभ के लिए अन्य देशों को  विज्ञान और नवाचार में अपने अनुभव देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यूनाइटेड किंगडम एक पारंपरिक भागीदार होने के नाते लंबे समय से विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग कर रहा है।
 
 
 
 
 
 
मंत्री महोदय ने प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं में भागीदारी के यूके कार्यक्रम के समन्वय के लिए रदरफोर्ड एपलटन प्रयोगशाला (आरएएल) की सराहना की। बुनियादी अनुसंधान के लिए मेगा सुविधाओं के तहत, भारतीय शोधकर्ता सर्न (सीईआरएन - जिनेवा), फेयर (एफएआईआर– जर्मनी), टीएमटी (यूएसए), फर्मीलैब (यूएसए) और एलआईजीओ (यूएसए) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग कर रहे हैं। इन अंतरराष्ट्रीय सहयोगों की प्रमुख उपलब्धियों में लगभग 500+ सहयोगी शोध प्रकाशन, 150 शोध (पीएचडी), देश में अनुसंधान एवं विकास अवसंरचना का निर्माण, 150+ संस्थानों और 75 भारतीय उद्योगों की भागीदारी, इन वृहत परियोजनाओं के लिए बड़ी संख्या में कई तरह की वस्तुओं के प्रोटोटाइप का विकास प्रोटोटाइप और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण शामिल हैं।
 
 
 
 
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के पास नैनो मिशन के अंतर्गत एक प्रमुख सहयोगी परियोजना है, जिसने भारतीय शोधकर्ताओं को आईएसआईएस न्यूट्रॉन और म्यूऑन स्रोत के साथ सहयोगी अनुसंधान करने और रदरफोर्ड एपलटन प्रयोगशाला, यूके में सुविधा के न्यूट्रॉन और म्यूऑन बीमलाइन तक सभी की पहुंच बनाने में सक्षम बनाया है। आरएएल में आईएसआईएस त्वरक (ऐक्सिलीरेटर) सामग्री अनुसंधान में न्यूट्रॉन प्रकीर्णन अध्ययन करने वाले कुछ प्रमुख अनुसंधान केंद्रों में से एक है।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS