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आईएसएल : निराशाजनक रहा केरला ब्लास्टर्स और कोलकाता का प्रदर्शन
By Deshwani | Publish Date: 14/12/2017 4:38:48 PM
आईएसएल : निराशाजनक रहा केरला ब्लास्टर्स और कोलकाता का प्रदर्शन

नई दिल्ली,  (हि.स.)। हीरो इंडियन सुपर फुटबॉल लीग (आईएसएल) का चौथा सीजन अपने चौथे सप्ताह में प्रवेश कर चुका है लेकिन अभी तक दो टीमें एक भी जीत दर्ज नहीं कर पाई हैं। यह दोनों टीमें आईएसएल की बीते तीन साल के इतिहास में दो बार फाइनल में पहुंची हैं। पिछले सीजन में इन दोनों के बीच फाइनल खेला गया था। यह केरला ब्लास्टर्स और मौजूदा चैम्पियन कोलकाता के लिए खराब दौर है। दोनों टीमें अभी तक जीती नहीं हैं और उससे भी अहम दोनों ही गोल करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। 

 

दोनों टीमों ने अभी तक सिर्फ तीन गोल किए हैं, लेकिन गोल खाने की बात की जाए तो दोनों ने कुल मिलाकर 13 गोल खाए हैं। मौजूदा विजेता कोलकाता अंकतालिका में सबसे नीचे है तो वहीं ब्लास्टर्स आठवें स्थान पर है, इस स्थान के लिए उसे तीन ड्रॉ मैचों को धन्यवाद देना चाहिए। इन दोनों टीमों ने ही इस सीजन पर लीग का उद्घाटन मैच खेला था जो गोलरहित ड्रॉ रहा था। 

 

एक चीज जो दोनों टीमों में समान है, वो दोनों के खेलने की शैली। ब्लास्टर्स ने आगे से दबाव बनाती है और ब्रेक में प्रहार करती है। वहीं दूसरी तरफ कोलकाता धीरे-धीरे आगे बढ़ती है। इस तरह की दो बार की विजेता ने इस सीजन की शुरुआत की है जो उसके कोच टेडी शेरिंघम बदलना चाहेंगे। वह हालांकि कुछ नए तरीके ढूंढ़ रहे हैं। कोलकाता चार राउंड का खेल खत्म होने के बाद सबसे ज्यादा पास के मामले में पांचवें स्थान पर है। हालांकि दोनों टीमों के बीच जो सबसे बड़ी चिंता है वो मौकों को गोल में न बदल पाना। दोनों ने गोलपोस्ट पर प्रहार तो किए हैं लेकिन उन्हें नेट में डालने में ज्यादा सफल नहीं रही हैं। कोलकाता ने गोलपोस्ट पर अभी तक कुल 41 शॉट लिए हैं जिसमें से सिर्फ तीन में ही सफलता उसे मिली है। उसका प्रतिशत 7.3 है जो बेहद निराशाजनक है। ब्लास्टर्स का भी हाल लगभग यही है उनका कन्वर्जन रेट 8.8 है।

 

पहले कोलकाता के देखते हैं। उनके पास स्तरीय खिलाड़ियों की कोई कमी नहीं है। मिडफील्ड में उनके पास कोनोर थॉमस और बिपिन सिंह है। इन दोनों के पास गोल करने के मौके बनाना का पूरा माद्दा है। हालांकि उनके स्ट्राइकर निजाजी कुकी अपनी फॉर्म में नहीं हैं। 

 

ब्लास्टर्स के मार्क सिफोनेस के नाम कुछ गोल हैं लेकिन कोलकाता के पास ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं है जिसके नाम एक से ज्यादा गोल हो। कुकी ने 10 शॉट लगाए हैं जिसमें से वह सिर्फ एक गोल ही कर सके हैं। उनके भारतीय स्ट्राइकर रोबिन सिंह ने सिर्फ तीन शॉट गोलपोस्ट पर दागे हैं। हालांकि कोलकाता बैक में काफी मजबूत है। उसने गोलपोस्ट के सामने चार शानदार बचाव किए हैं। ब्लास्टर्स यहां और कमजोर हैं। उन्होंने चार मैचों में 15 बचाव किए हैं। मैदान पर जिस धार की जरूरत होती है वो इन दोनों टीमों में अभी तक देखने को नहीं मिली है। दोनों टीमें चोट के कारण अपने अहम खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी की समस्या से जूझ रही हैं। दो बार की विजेता कोलकाता रोबी कीन की गैरमौजूदगी से परेशान है। यह उनकी निश्चित तौर पर सबसे बड़ी समस्या है। वह इस समय सिर्फ 14 सदस्यों के साथ अभ्यास कर रहे हैं जबकि उसके कई खिलाड़ी प्री-सीजन में लगी चोटों के कारण जूझ रहे हैं। हाल में इस सूची में इयुगेंसन ल्यांगदोहा का नाम शामिल हुआ है। वह तकरीबन एक महीने के लिए मैदान से बाहर हो सकते हैं। 

 

वहीं, ब्लास्टर्स के साथ दूसरा मुद्दा है। उनके पहले दो मैच 0-0 पर समाप्त हुए थे। अगले दो मैचों में उन्होंने शुरुआती 15 मिनट में ही बढ़त ले ली थी, लेकिन मुंबई सिटी एफसी के बलवंत सिंह ने 77वें मिनट में गोल करते हुए उसे बराबरी पर रोक दिया था। वहीं एफसी गोवा ने 5-2 से एकतरफा मात दी थी। जैकीचंद सिंह द्वारा पहले हाफ में दम दिखाने वाली ब्लास्टर्स ने दूसरे हाफ में पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर दिया था और तीन गोल खाए थे। 

 

ब्लास्टर्स के कोच को ह्यूम के बेहतरीन खेल का फायदा उठाना होगा और उनका बेहतर इस्तेमाल करना होगा। उन्हें बॉक्स के अंदर सिफेनोस के लिए गेंद बनानी होगी। इन दो टीमों का संघर्ष बताता है कि हीरो आईएसएल में कोई भी टीम कमजोर नहीं है और कोई भी टीम मजबूत नहीं है।

 
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