नई दिल्ली, (हि.स.)। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को बतौर पार्टी अध्यक्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर अपने इस आरोप को दोहराया है कि संघ में महिलाओं के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि संघ में कोई महिला प्रवेश नहीं कर सकती जबकि कांग्रेस में महिलाओं को हर स्तर पर प्रतिनिधित्व दिया जाता है।
राहुल गांधी ने राष्ट्रीय महिला कांग्रेस की महिला अधिकारों के मसले पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा, 'आप कभी महात्मा गांधी की कोई भी फोटो देखिए, उसमें आपको गांधी जी के पास 3-4 महिलाएं अवश्य दिखाई देंगी। आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) का जो संगठन है उसमें महिला घुस भी नहीं सकती, इनकी ऐसी विचारधारा है।'
उन्होंने कहा, 'हम लोग कांग्रेस पार्टी में पारदर्शिता लाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही पार्टी में महिलाओं का उचित प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित किया जाएगा।'
उन्होंने कहा कि महिलाओं को संसद में आरक्षण दिलाने के लिए कांग्रेस पार्टी अपनी महिला शाखा के साथ मिलकर दबाव बनाएगी और महिलाओं को उनके अधिकार दिलाएगी।
उन्होंने कहा वे केंद्र सरकार से इस पर एक बार फिर मांग करेंगे। राहुल ने अपने सम्बोधन के दौरान सोनिया गांधी द्वारा इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र का भी जिक्र किया।
राहुल गांधी ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स करार देते हुए कहा कि सरकार से हमने कई सामान पर जीएसटी को 28% से कम करवाया। हमलोग एक जिम्मेदार विपक्ष के नाते अपना धर्म निभाएंगे| हम सरकार को इस मसले पर महिला कांग्रेस के साथ चैन से नहीं बैठने देंगे। मोदी सरकार को महिला आरक्षण बिल लागू करना ही पड़ेगा| हम इसमें सरकार को कोई विकल्प नहीं देंगे।'
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कुछ माह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित करवाने का अनुरोध किया था। उन्होंने पत्र में यह भी कहा था कि यदि सरकार महिला आरक्षण विधेयक संसद में पारित करवाने के लिए लाती है तो कांग्रेस पार्टी अपनी तरफ से पूरा सहयोग करेगी।