जयपुर। केन्द्रीय युवा एवं खेल राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि ओलंपिक के लिए दमदार खिलाडिय़ों की खोज में सभी पूर्व खिलाडिय़ों की मदद ली जाएगी और इनमें वे खिलाड़ी भी शामिल हैं जो अभी गुमनामी में जिंदगी जी रहे हैं। राठौड़ ने कहा कि सरकार युवा खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने के लिए किसी अन्य काम में व्यस्त पूर्व के पदक विजेताओं का सहयोग लेने पर विचार कर रही है। सरकार युवाओं को खेलों के प्रति आकर्षित करने और खेलों को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर प्रशिक्षण देने वाले खिलाडियों, स्वंयसेवी संगठनों का भी सहयोग लेने से नहीं हिचकेगी। खेल मंत्रालय ऐसे खिलाडिय़ों ,एनजीओ, निजी खेल संस्थानों को मदद देगा। खेल मंत्री ने इस अवसर पर ओलम्पिक के लिए दमदार खिलाडिय़ों की खोज के लिए दिसंबर और जनवरी में नई दिल्ली में खेलो इंडिया स्कूल खेल और खेलो इंडिया कॉलेज खेल के आयोजन की घोषणा की। इनका आयोजन हर साल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्कूल और कॉलेज स्तर पर खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाडिय़ों को सामने लाने के लिए खेलो इंडिया स्कूल खेल और खेलो इंडिया कालेज खेल कराए जाने का निर्णय लिया है। कई खिलाड़ी स्कूल और कॉलेज स्तर पर बढिय़ा खेलते हैं, लेकिन किसी वजह से प्रदेश या राष्ट्रीय स्तर पर नहीं पहुंच पाते या अन्य कारणों की वजह से टीम में आने से वंचित रह जाते हैं। उन खिलाडिय़ों को सामने लाने के लिए यह आयोजन करने का निर्णय लिया गया है। राठौड़ ने कहा कि शुरुआत में दोनों वर्ग के खेलों में ओलंपिक खेलों में शामिल हॉकी, फुटबॉल समेत 16 खेलों को शामिल किया जाएगा और अधिकतर खेलों का चैनल पर प्रसारण होगा जबकि कुछ खेलों का वीडियो तैयार करके अगले दिन प्रसारण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया स्कूल खेलकूद में 17 साल से कम आयु वर्ग और खेलो इंडिया कॉलेज खेलों में 21 साल से कम आयु वर्ग के खिलाडिय़ों को शामिल किया जाएगा। शुरुआत में ये खेल दिल्ली में होंगे। अगला आयोजन किस स्थान पर होगा इसका निर्णय बाद में किया जाएगा।
खेल मंत्री ने कहा कि दोनों वर्गांे में चयनित एक एक हजार खिलाडिय़ों को खेल की तैयारी के लिए हर साल पांच लाख रुपए आठ साल तक दिए जाएंगे। हमारा मकसद बेहरीन खिलाड़ी को सामने लाना है ताकि ओलम्पिक में भारत सिरमौर बने। एक अन्य प्रश्न के जवाब में कहा कि खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले राज्यों को मंत्रालय की ओर से विशेष सम्मान दिया जाएगा, मौजूदा समय खेल क्षेत्र में कुछ राज्यों का वर्चस्व है,अन्य राज्य भी खेलों में आगे बढे।