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खिलाड़ी को कार्यक्रम से सामंजस्य बैठाना होगा: पुलेला गोपीचंद
By Deshwani | Publish Date: 30/8/2017 4:48:12 PM
खिलाड़ी को कार्यक्रम से सामंजस्य बैठाना होगा: पुलेला गोपीचंद

हैदराबाद। हाल में संपन्न विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में मैचों का कार्यक्रम एक मुद्दा था लेकिन मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा है कि खिलाड़ियों को इसका आदी होना होगा। गोपीचंद ने कहा, एक तरह से, हां (यह एक मुद्दा था)। लेकिन कभी कभी आप गलत छोर पर होते हो। उसका (पीवी सिंधू का) सेमीफाइनल शनिवार को रात के सत्र में था और उसे सोने में एक से डेढ़ बज गया और अगले दिन फाइनल सुबह होना था। उन्होंने कहा, कभी कभी ये छोटी चीजें लंबे मैच पर असर डालती हैं जहां आपको अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत होती है। कोच ने हालांकि कहा कि इसका आदी होना महत्वपूर्ण है।
 
 उन्होंने कहा, यह कोई बहाना नहीं है, ऐसा होता है, यह महत्वपूर्ण है कि हम इसके आदी हो जाएं। हां, मुझे लगता है कि वहां तीन, चार मैचे ऐसे थे जिनका कार्यक्रम बेहतर बनाया जा सकता था। गोपीचंद ने कहा कि टेलीविजन की जरूरत और प्रशंसक क्या चाहते हैं इसे देखते हुए खिलाड़ियों को कभी कभी नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा, लेकिन, हमारी चुनौती है कि भारतीय टेलीविजन के समय का मैचों पर असर पड़ता है और यही कारण है कि वे कुछ मैच सुबह चाहते हैं और कभी कभी स्थानीय दर्शक शायद बड़े मैच शाम को देखना चाहते हैं। गोपीचंद ने कहा, यह एक समझौता है जो करना पड़ता है और कभी कभी हम प्रभावित होते हैं। गोपीचंद हालांकि विश्व चैंपियनशिप फाइनल में सिंधू के प्रदर्शन से खुश हैं। सिंधू को फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। 
 
उन्होंने कहा, यह कड़ा मुकाबला था। दोनों खिलाड़ी अच्छा खेली। सिंधू ने जैसी प्रतिक्रिया दी उस पर गर्व है। मेरे लिए यह जिन मैचों को मैंने देखा उनमें सर्वश्रेष्ठ में से एक है। हमारी तैयारी बेहतरीन थी। हम सभी ने शानदार प्रयास किया। गोपीचंद ने कहा, 22 साल की उम्र में उसने (सिंधू ने) बड़े पदक जीते हैं। उम्मीद करते हैं कि यह जारी रहेगा। करियर के अंतर में उसके पास कहीं अधिक स्वर्ण पदक होंगे। उन्होंने कांस्य पदक जीतने के लिए साइना नेहवाल और प्रभावी प्रदर्शन करने के लिए के श्रीकांत और बी साई प्रणीत की सराहना भी की। राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर देश में खेलों के परिदृश्य के बारे में पूछने पर गोपीचंद ने कहा कि भारत में खेल उस स्तर पर हैं जहां पहले कभी नहीं थे। उन्होंने कहा, भारतीय खेल उस स्तर पर हैं जहां अतीत में पहले कभी नहीं थे। 
 
देश के शीर्ष अधिकारी खेलों के बारे में बड़े पैमाने पर बात कर रहे हैं। हमारे पास प्रधानमंत्री के स्तर पर कभी कोई ऐसा नहीं था तो खेलों के मुद्दे पर इतने महीनों तक लगातार बात करे। उन्होंने कहा कि बैडमिंटन में काफी कुछ हासिल किया गया है और काफी कुछ हासिल किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, उम्मीद करते हैं कि चीजों में सुधार होगा। मैं कहूंगा कि काफी कुछ कहा गया है। काफी कुछ किया गया है। लेकिन काफी कुछ करने की जरूरत है। क्योंकि पूरी दुनिया प्रतिस्पर्धा पेश कर रही है और हमें सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें।
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