नई दिल्ली, (हि.स.)। पिछले दो दशकों में भारतीय महिला फुटबॉल की ध्वजधारी ओइनम बेमदेम देवी को प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। बेमदेम को 28 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्वारा इस सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। बेमदेम यह पुरस्कार जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला फुटबॉलर हैं। इनसे पहले 1983 में शांति मलिक ने यह पुरस्कार जीता था।
बेमदेम को 'भारतीय फुटबॉल की दुर्गा' का उपनाम दिया गया है, उन्होंने 1995 में अपना अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला था। वह फरवरी 2015 में शिलोंग में सैफ खेलों के स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थीं। वह अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के साथ मिलकर भारत में महिला फुटबॉल के बारे में जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहीं हैं। पुरस्कार जीतने पर बेमदेम देवी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह पुरस्कार लाखों लड़कियों को फुटबॉल खेलने के लिए प्रेरित करेगा।
उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार भारतीय महिला फुटबॉल के लिए है। मुझे उम्मीद है कि यह पुरस्कार मानसिक अवरोध को दूर करने और समाज में सभी लड़कियों को प्रोत्साहित करने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि महान भारतीय खिलाड़ियों के साथ एक ही सूची में अपना नाम देखने पर मुझे काफी खुशी है। पिछले दो दशकों में मेरा बलिदान बर्बाद नहीं हुआ है। कहा कि मेरे सहयोगियों, मेरे कोच, एआईएफएफ और अपने परिवार के साथ पूरे फुटबॉल बिरादरी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद करती हूं।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने बेमदेम को बधाई देते हुए कहा कि बेमदेम देश में सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा रही है भारतीय महिला फुटबॉल में उनका योगदान असाधारण रहा है। वह पुरस्कार के हकदार हैं बधाई हो।
एआईएफएफ महासचिव कुशाल दास ने बताया कि बेमदेम कई युवाओं के लिए एक आदर्श मॉडल है। वह दो दशक से अधिक समय तक भारत के लिए खेली हैं और एक शीर्ष फुटबॉलर है। वह सभी नवोदित महिला फुटबॉलरों के लिए एक आदर्श हैं। बधाई हो।
बेमदेम यह पुरस्कार जीतने वाली 25वीं फुटबॉलर हैं, 2016 में अंतिम बार सुब्रत पॉल ने यह पुरस्कार जीता था। इसके अलावा बेमदेम को 2001 और 2013 में एआईएफएफ महिला फुटबॉलर से सम्मानित किया गया था।